झारखंड में 16 लाख परिवार को मिलेगा मुफ्त गैस कनेक्शन
- देश में आठ करोड़ परिवार को देने का लक्ष्य
- कोल मिथेन गैस से घरेलू उपभोक्ताओं के साथ उद्योग और परिवहन जगत को भी लाभ
ढाई करोड़ लोगों ने
सब्सिडी छोड़ी
मुख्यमंत्री ने
कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर 2.5 करोड़ लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़
दी। इसका लाभ गरीब परिवारों को मिल रहा है। अभी और लोगों को सबसिडी छोड़ने की
जरूरत है। उन्होंने लोगों से एलपीजी सबसिडी छोड़ने के लिए जागरुकता फैलाने की अपील
की। कहा कि इससे और गरीबों तक एलपीजी कनेक्शन का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड
में कोयले की अधिकता है। यहां कोल मिथेन गैस उत्पादन की काफी संभावना है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने झारखंड में इसकी शुरुआत कर दी है। कोल
मिथेन गैस के माध्यम से झारखंड पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सकता है।
एलपीजी कनेक्शन देने
का लक्ष्य बढ़ाया
केंद्रीय
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एलपीजी कनेक्शन देने के मामले में
झारखंड ने अच्छा काम किया है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां एलपीजी कनेक्शन के साथ चुल्हा और पहली
रिफिल फ्री दी जा रही है। पिछड़ा राज्य होने के बाद भी उज्ज्वला योजना से जुड़े
यहां के गरीब परिवार सालाना औसतन तीन रिफिल करवा रहे हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। उज्ज्वला
योजना की सफलता को देखते हुए इस साल केंद्र सरकार ने नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन का
लक्ष्य पांच करोड़ से बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया है। मार्च 2020 तक इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। अब
तक 3.40 करोड़ परिवारों तक इसे पहुंचा दिया गया है। झारखंड के रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो में स्वच्छ ईंधन पहुंचाने के
उद्देश्य से जल्द ही पाइपलाइन के माध्यम से एलपीजी गैस उपलब्ध कराने की शुरुआत की
जायेगी। कोल मिथेन गैस से राज्य के घरेलु उपभोक्ताओं के साथ उद्योगों और परिवहन
उद्योग को भी लाभ होगा।
कार्यक्रम में
सांसद जगदंबिका पाल, महेश पोद्दार, राज्य 20 सूत्री उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद, पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशुतोष
जिंदल यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर केआर स्मिथ, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के सीएमडी एमके सुराना,
इंडिया ऑयल के चेयरमैन संजीव
सिंह, बीपीसीएल के
निदेशक मार्केटिंग, आरडीआइ की सीइओ मीता
प्रियदर्शिनी, पर्यावरणविद डॉ
सुनीता नारायणन समेत अन्य मौजूद थे।




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