फरवरी में भी नीचले पायदान पर ही रहा सीसीएल
रांची। कोल इंडिया की सहायक
कंपनी सीसीएल उत्पादन के मामले में चालू वित्तीय वर्ष के फरवरी ’18 में भी नीचले पायदान पर रही। इस महीने में मात्र तीन कंपनियां
ही लक्ष्य के बराबर या उससे अधिक उत्पादन कर सकी है। चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल’17 से मार्च ’18) में लगातार चौथे
महीने सीसीएल का प्रदर्शन खराब रहा है। ओवर ऑल कोल इंडिया भी उत्पादन लक्ष्य से 11
फीसदी पीछे रही। इस महीने कोल इंडिया को 61.43 मिलियन टन उत्पादन करने का लक्ष्य
दिया गया था। इसके विरुद्ध कंपनी 54.46 मिलियन टन उत्पादन ही कर सकी।
ये रही कंपनियों की स्थिति
कोल इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक सीसीएल ने लक्ष्य का 75 प्रतिशत
कोयला उत्पादन किया है। बीसीसीएल ने लक्ष्य का 86, ईसीएल ने 111, एनसीएल ने 100, डब्ल्यूसीएल ने 91, एसईसीएल ने 85, एमसीएल 89 और एनईसी ने 127 फीसदी उत्पादन
किया है। जानकारी हो कि सीसीएल की कमान कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह के
हाथों में है।
फरवरी तक है यह स्थिति
चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से फरवरी महीने तक में भी सीसीएल
और बीसीसीएल स्थिति खराब ही है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस अवधि में प्रगति
भी ऋणात्मक है। बीसीसीएल ने -12.8 और सीसीएल ने -8.9 का ग्रोथ दर्ज किया है।
इस अवधि में सबसे अधिक साकारात्मक ग्रोथ एनईसी ने 47.3 प्रतिशत दर्ज की है। इस अवधि
में कोल इंडिया ने पिछले साल की तुलना में 1.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी
दर्ज की है। हालांकि चालू वर्ष में इस अवधि में लक्ष्य से पीछे है। अप्रैल से फरवरी
तक कंपनी को 531.32 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया था। इसके विरुद्ध कंपनी
495.09 मिलियन टन उत्पादन कर सकी। यह 93 प्रतिशत है।
कोयला भेजने में चार कंपनी आगे
फरवरी महीने में कोयला भेजने में ईसीएल, सीसीएल,
एनसीएल और एनईसी आगे रही है। इन कंपनियों ने लक्ष्य से अधिक कोयला भेजा
है। इसके अलावा बीसीसीएल, डब्ल्यूसीएल, एसईसीएल, एमसीएल लक्ष्य से पीछे रही है। अप्रैल से फरवरी
के बीच एनसीएल, डब्ल्यूसीएल, एसईसीएल
और एनईसी ने लक्ष्य से अधिक कोयला भेजा है। ईसीएल, बीसीसीएल,
सीसीएल और एमसीएल लक्ष्य से पीछे रही है।
फरवरी महीने में उत्पादन की स्थिति
कंपनी लक्ष्य
उत्पादन
ईसीएल 4.35 4.84
बीसीसीएल 3.66 3.14
सीसीएल 10.00 7.51
एनसीएल 7.77 7.78
डब्ल्यूसीएल 5.90 5.34
एसईसीएल 15.70 13.33
एमसीएल 13.93 12.37
एनईसी 0.12 0.151
(आंकड़े कोल इंडिया के हैं। मात्रा मिलियन टन में)

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