प्रतिबंध वापसी के लिए कानूनी सहारा लेगा पीएफआई
नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने कहा कि झारखंड सरकार ने संगठन पर झूठा आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि दक्षिणी राज्यों में पॉपुलर फ्रंट के कुछ कार्यकर्ता आइएसआइएस से प्रभावित हैं। फिर संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रतिबंध के बाद झारखंड में संगठन की गतिविधियां रोक दी गई है। इसके बाद भी गतिविधियां जारी रखने के झूठे आरोप में कुछ लीडर और सदस्यों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उक्त बातें संगठन के राष्ट्र्रीय सचिव अनीस अहमद, राष्ट्र्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य ईएम अब्दुल रहमान और नॉर्थ जोन के जोनल अध्यक्ष एएस इस्माईल ने गुरूवार को प्रेस क्लब में प्रेस को दी।
संगठन के सदस्यों ने कहा कि झारखंड सरकार के पास राज्य में संगठन के खिलाफ कार्रवाई को सही बताने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए उसने दक्षिणी राज्यों से आने वाली कुछ झूठी खबरों का सहारा लिया। केरल और कर्नाटक सरकारों ने हाल ही में बयान दिया है कि फ्रंट को प्रतिबंधित करने का कोई कारण नहीं है। प्रतिबंध लगाने का कोई अनुरोध केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हुई लिचिंग की कई घटनाओं के खिलाफ संगठन के कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई। घटनाओं के रोशनी में आने के कारण सरकार और पुलिस कार्यकर्ताओं से नाराज चल रहे थे। फ्रंट लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म और मौलिक अधिकारों पर भरोसा रखता है। झारखंड में प्रतिबंध वापस लेने के लिए कानूनी तरीकों का सहारा लेंगे।
संगठन के सदस्यों ने कहा कि झारखंड सरकार के पास राज्य में संगठन के खिलाफ कार्रवाई को सही बताने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए उसने दक्षिणी राज्यों से आने वाली कुछ झूठी खबरों का सहारा लिया। केरल और कर्नाटक सरकारों ने हाल ही में बयान दिया है कि फ्रंट को प्रतिबंधित करने का कोई कारण नहीं है। प्रतिबंध लगाने का कोई अनुरोध केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हुई लिचिंग की कई घटनाओं के खिलाफ संगठन के कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई। घटनाओं के रोशनी में आने के कारण सरकार और पुलिस कार्यकर्ताओं से नाराज चल रहे थे। फ्रंट लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म और मौलिक अधिकारों पर भरोसा रखता है। झारखंड में प्रतिबंध वापस लेने के लिए कानूनी तरीकों का सहारा लेंगे।

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