यहां निभाई जाती है 400 साल पुरानी नागवंशी राजाओं की परम्परा...
रांची। झारखंड की राजधानी के चुटिया डोल जतरा स्थल पर बुधवार को रात 10 बजे के बाद होलिका
दहन किया जाएगा। नागवंशी राजाओं द्वारा बसाई गई चुटिया में 400 साल से यह
अनोखी परम्परा चली आ रही है। इस मौके पर अक्षत, पुष्प, नैवेद्य से होलिका
स्थल पर पूजा होगी। पूजन के बाद भक्त नए वर्ष के आगमन के साथ घर-परिवार सहित देश में
सुख-शांति की शुभकामनाएं देंगे। प्रतिवर्ष के संवत के आनंदपूर्ण, सुख-शांति
से व्यतीत होने की कामना के साथ चुटिया के लोग अग्नि के चारों ओर परिक्रमा
करेंगे।
एक दिन पहले अगजा की है पुरानी परम्परा
चुटिया में एक दिन पहले अगजा की पुरानी परम्परा है। नागवंशी राजाओं के काल से यह परम्परा चली आ रही है। परम्परा के मुताबिक, अग्नि प्रज्जवलित करने से पूर्व नया वस्त्र धारण कर आयोजन स्थल पर पहुंचते हैं और पाहन व फरसे से वारकर अरंडी की डाली काटने की रस्म पूरी की जाती है। इसके बाद वह वापस लौट जाते हैं। आरती के बाद अगजा जलाया जाता है।
कलाकार रंग जमाएंगे
इस बार अगजा पर कुंजवन के कलाकार होली का रंग जमाएंगे। पद्मश्री के अलंकृत मुकुंद नायक और मनपूरन नायक के नेतृत्व में कलाकार होलियाना मूड में गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को का मनोरंजन करेंगे।
एक दिन पहले अगजा की है पुरानी परम्परा
चुटिया में एक दिन पहले अगजा की पुरानी परम्परा है। नागवंशी राजाओं के काल से यह परम्परा चली आ रही है। परम्परा के मुताबिक, अग्नि प्रज्जवलित करने से पूर्व नया वस्त्र धारण कर आयोजन स्थल पर पहुंचते हैं और पाहन व फरसे से वारकर अरंडी की डाली काटने की रस्म पूरी की जाती है। इसके बाद वह वापस लौट जाते हैं। आरती के बाद अगजा जलाया जाता है।
कलाकार रंग जमाएंगे
इस बार अगजा पर कुंजवन के कलाकार होली का रंग जमाएंगे। पद्मश्री के अलंकृत मुकुंद नायक और मनपूरन नायक के नेतृत्व में कलाकार होलियाना मूड में गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को का मनोरंजन करेंगे।

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