नृत्य, नाटिका और लोकगीतों पर झूमे श्रोता
फैजाबाद। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के
विवेकानंद प्रेक्षागृह में लोकगीतों पर श्रोता झूमे। शनिवार को लोक संस्कृति से
ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के अलग-अलग रंग देखने को मिले।
लोकगीत नृत्य और नाटिका की त्रिवेणी बही। इसमें श्रोता घंटों
झूमते रहे। नारी सशक्तिकरण पर आधारित आज की द्रौपदी नृत्य नाटिका को सभी ने खूब
सराहा। लोकरंग के तहत बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने अनेक
पारंपरिक और भक्ति गीतों की प्रस्तुति की। डॉ नीतू के साथ वादक कलाकारों में मनोज
कुमार सुमन ने नाल पर, सुजीत कुमार ने कैसियो पर, राकेश
कुमार ने हारमोनियम पर, रविंद्र कुमार ने बैंजो पर और आशीष ओम तिवारी
ने पेड़ पर संगत दिया। नीतू नवगीत की पूरी टीम की प्रस्तुति को अवधवासियों ने काफी
पसंद किया।
कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित और मुख्य
अतिथि प्रो टीके चंद्रशेखर ने कलाकारों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम से पहले डॉ
नीतू ने बताया कि स्त्री शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से संबंधित गीतों की रचना वह स्वयं
करती हैं। जन चेतना की खातिर उन्हें गाती है। लोकगीतों के माध्यम से समरस समाज की स्थापना
और नारियों को उचित सम्मान दिलाना उनका लक्ष्य है। उनका एलबम ‘बिटिया है अनमोल रतन’ के सभी गीत बाल विवाह, दहेज प्रथा और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुप्रथाओं
के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले हैं। वही ‘स्वच्छता
से सम्मान’ नामक एलबम में उन्होंने लोगों को साफ सफाई के महत्व
के बारे में बताते हुए उनसे श्रमदान की अपील की है। दूरदर्शन और आकाशवाणी की नियमित
कलाकार डॉ नीतू कुमारी नवगीत के दूसरे एलबमों में छठ गीतों पर आधारित बहंगी लचकत जाए, पावन
लागे लाली चुनरिया, गांधी गान और मोरी बाली उमरिया शामिल है।

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