झालको कर्मियों ने किया भिक्षाटन
रांची। अखिल झारखंड कर्मचारी महासंघ के बैनर तले केंद्रीय समिति
झालको (झारखंड हिल एरिया लिफ्ट इरीगेशन कॉरपोरेशन) कर्मियों द्वारा 7
सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समीप सामूहिक उपवास और आमरण अनशन किया
गया। झालको कर्मियों द्वारा मुंह पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया गया।
वहीं सिर पर सादा कपड़ा बांधे हुए थे। उनका कहना है कि उनकी मांगों की ओर
ध्यान नहीं दिया जा रहा तो अब यह सफेद कपड़ा नहीं, कर्मचारियों ने कफन बांध
लिया है।
गांधीगिरी करते हुए लोगों को गुलाब भेंट किया
मजदूर दिवस के अवसर पर झालको कर्मियों ने राजभवन के समीप से गुजर रहे लोगों से हाथों में प्लेट लेकर भिक्षाटन किया। साथ ही गांधीगिरी करते हुए उन्हें गुलाब भेंट किया। झालको कर्मी अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से आंदोलन पर थे। 10 जनवरी, 2017 को सरकार ने आश्वासन देकर आंदोलन को बंद करवाया था। साथ ही झालको कर्मियों को आश्वासन भी मिला था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल ना होता देख झालको कर्मियों ने राजभवन के समीप भिक्षाटन कर प्रदर्शन किया।
53 की हो चुकी है मौत, 144 सेवानिवृत्त फिर भी नहीं मिला न्याय
झालको कर्मियों का कहना है कि झालको गठन से अब तक आर्थिक तंगी के अभाव में 53 कर्मियों की मौत हो चुकी है। जबकि 144 कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला। 2006 से 9 तक कि भविष्य निधि की राशि सीपीएफ खाता में नहीं डाल कर पूर्व एमडी को भुगतान कर दिया गया। कई कर्मी पैसे के अभाव में बीमारी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं तो कई अपनी बेटी का विवाह कराने से महरूम है।
क्या है मांगें
गांधीगिरी करते हुए लोगों को गुलाब भेंट किया
मजदूर दिवस के अवसर पर झालको कर्मियों ने राजभवन के समीप से गुजर रहे लोगों से हाथों में प्लेट लेकर भिक्षाटन किया। साथ ही गांधीगिरी करते हुए उन्हें गुलाब भेंट किया। झालको कर्मी अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से आंदोलन पर थे। 10 जनवरी, 2017 को सरकार ने आश्वासन देकर आंदोलन को बंद करवाया था। साथ ही झालको कर्मियों को आश्वासन भी मिला था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल ना होता देख झालको कर्मियों ने राजभवन के समीप भिक्षाटन कर प्रदर्शन किया।
53 की हो चुकी है मौत, 144 सेवानिवृत्त फिर भी नहीं मिला न्याय
झालको कर्मियों का कहना है कि झालको गठन से अब तक आर्थिक तंगी के अभाव में 53 कर्मियों की मौत हो चुकी है। जबकि 144 कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला। 2006 से 9 तक कि भविष्य निधि की राशि सीपीएफ खाता में नहीं डाल कर पूर्व एमडी को भुगतान कर दिया गया। कई कर्मी पैसे के अभाव में बीमारी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं तो कई अपनी बेटी का विवाह कराने से महरूम है।
क्या है मांगें
- उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर छठा वेतनमान दिया जाए।
- वित्तीय वर्ष 2011-12 के एक साल का वेतन अविलंब दिया जाए।
- झालको के पद पर आईएएस अधिकारी का पदस्थापन हो।
- एसीपी योजना का लाभ मिले।
- लिव-इन कैशमेंट की सुविधा मिले।
- वर्ष 2006 से वर्ष 2009 तक कि भविष्य निधि की राशि पीपीएफ खाता में जमा कराई जाए तथा सूद की राशि गणना कर कर्मियों को भुगतान करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाए।
- छठा वेतनमान के अनुसार एमएसीपी का लाभ दिया जाए।
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