शिक्षक प्रोन्नति की हो रही जांच, निदेशक ने बताएं बिंदु
रांची। सूबे में शिक्षकों को मिली प्रोन्नति की जांच हो रही है। प्राथमिक
शिक्षा निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने जांच के बिंदु सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक
को बताएं हैं। इस संबंध में उन्होंने 14 अप्रैल को सभी को पत्र लिखा है। उन्होंने
कहा है कि जिलों की वरीयता एवं प्रोन्नतिसूची की जांच कर व्याप्त विसंगतियों को
चिह्नित करें। साथ ही, जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ
प्रतिवेदन सहित 23 अप्रैल को आहूत बैठक में भाग लें। यह जांच कोर्ट के आदेश के आलोक
में हो रही है।
निदेशक ने लिखा है कि 14 दिसंबर
2015 को जारी विभाग के संकल्प के आलोक में शिक्षकों की वरीयता नियुक्ति की तिथि से
निर्धारित की जाए। शेष वर्षों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने की तारीख से वरीयता निर्धारित
होगी। इस आधार जिलों में काम करने वाले शिक्षकों की एकीकृत वरीयता सूची बनाई जाएगी।
निदेशक ने कहा है कि ग्रेड-4 में प्रोन्नत शिक्षकों की जांच विशेष कर
करनी है। इस क्रम में यह देखना है कि कोई कनीय शिक्षक प्रोन्नति पा लिये हो और उससे
वरीय निचले ग्रेड में रह गए हों। ऐसे शिक्षक प्रोन्नति की अन्य शर्तों को पूरा करते
हैं तो उनकी प्रोन्नति हो जाती। ऐसे शिक्षकों की पहचान करनी है। यह भी देखना है कि
जिले के लिए मान्य रोस्टर व्यवस्था के अनुरूप उपलब्ध होनेकी स्थिति में ऐसे कितने
कनीय शिक्षकों की प्रोन्नति प्रभावित होने की आशंका है। कितने वरीय शिक्षक हैं, जिन्हें प्रोन्नति नहीं दी जा सकी है।
निदेशक ने कहा है कि योजना सह विभाग के निर्देश के अनुसार ग्रेड-3 और उससे
ऊपर ग्रेड में मिली प्रोन्नति का लाभ योगदान देने की तिथि से देय होगा। किसी भी स्थिति
में भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं दी जाएगी। प्रोन्नति के बाद वेतन निर्धारण
में कोई वेतनवृद्धि नहीं दी जाएगी। उन्होंने ग्रेड-4 में वर्षवार उपलब्ध पदों पर
किस वर्ष के नियुक्त शिक्षकों को प्रोन्नति दी गई है, इसकी गणना कर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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