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बच्चों के साथ जघन्य कृत्य करने वाले मिले मौत की सजा


  • कठुआ दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई जांच हो : अभाविप
रांची। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की विस्तृत जांच सीबीआई से कराने की मांग की। ऐसा कृत्‍य करने वालों को मौत की सजा दिए जाने की वकालत की। परिषद के प्रदेश मंत्री रौशन सिंह ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा मामले में की गई लापरवाही की निंदा की। कहा कि उस अबोध बालिका को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए। ऐसा घृणित अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। परिषद की कठुआ इकाई ने 19 जनवरी 2018 को ही इस विषय में जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। पुन: 12 मार्च को कठुआ ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन कर न्याय की मांग की थी

श्री सिंह ने कहा कि इस मामले में कठुआ क्षेत्र की जनता शुरू से ही विस्तृत जांच की मांग कर रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने जिस तरह इस मामले में लापरवाही बरती और कश्मीर की क्राइम ब्रांच को इसे सौंप दिया, वह कई प्रश्न खड़े करता है। दोषियों को पकड़ने के साथ ही यह भी सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को और सामान्य जनता को प्रताड़ित नहीं करें। किन्तु इस मामले में क्राइम ब्रांच के आते ही सामान्य लोगों को प्रताड़ित किया गया।  घटनास्थल को नई चार्जशीट में गौशाला से देवस्थान बताकर इसका सांप्रदायिक दृष्टिकोण स्थापित किया गया। इससे असली घटनाक्रम पर संशय बढ़ गया। कठुआ में सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ। जनवरी में हुई इस शर्मनाक घटना पर अचानक अप्रैल में देश भर में राजनैतिक रोटियां सेकी जा रही है। जानबूझकर इसे साम्प्रदायिक रंग देकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। यह निंदनीय है। दोषियों को सजा दिलाने और सच उजागर करने के लिए मामले की सही तहकीकात होना और समयबद्ध रूप में होना नितांत आवश्यक है। 

प्रदेश कार्यालय मंत्री दीपेश कुमार ने कहा कि अभाविप का स्पष्ट मत है कि ऐसे जघन्य कृत्य करने वाले अमानवीय लोगों को मौत की सजा दी जानी चाहिए। देश में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार और समाज को गहन चिंतन करनी चाहिए। बलात्कार पर कड़े क़ानून और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित होना चाहिए। साथ ही, समाज में वृहत्त स्तर पर महिला विरोधी हिंसा के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता है।

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