रांची। प्रति वर्ष विश्व में 54 लाख और भारत में करीब 9 से 10 लाख से भी अधिक व्यक्तियों की मौत तंबाकू संबंधित बीमारियों से होती हैं। झारखंड में 38.9 प्रतिशत व्यस्क लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते है। यह राष्ट्रीय औसत 28.6 प्रतिशत से काफी अधिक है। भारत में लगभग 5500 युवा तंबाकू के सेवन की शुरुआत करते है, जिसमें से आधे से भी अधिक की मौत असमय हो जायेगी। विश्व में मुख कैंसर के सर्वाधिक मामले भारत में है। उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक का कारण तेबाकू का सेवन है। भारत सरकार ने तेबाकू के बढ़ते दुष्परिणाम को देखते हुए वर्ष 2007-08 में तेबाकू नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की है। झारखंड में इसकी शुरुआत वर्ष 2008-09 में हुई। झारखंड के सभी 24 जिलों में यह कार्यक्रम संचालित की जा रही है।
अब तक 2 लाख का जुर्माना
कोटपा, 2003 के प्रभावकारी अनुपालन के तहत करीब 2 लाख के अर्थदंड की वसूली की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सरकारी विद्यालयों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में गैर धूम्रपान क्षेत्र के बोर्ड का प्रर्दशन किया गया है। साथ ही, झारखंड के 1 लाख से भी अधिक स्कूली बच्चों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल कार्यक्रम के माध्यम से तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया है।
राज्य अधिकारियों की बैठक 21 को
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 को झारखंड में सख्ती से लागू करना है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक 21 मई को मुख्य सचिव कार्यालय के सभागार में होगी। इस बैठक में अधिकांश विभागों के सचिव भाग लेंगे। बैठक में तंबाकू नियंत्रण में विभिन्न विभागों के कार्य और दायित्व विशेषकर कोटपा, 2003 के प्रभावकारी अनुपालन में पुलिस की भूमिका, शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने में स्कूली षिक्षा एवं साक्षरता विभाग की भूमिका, तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की भूमिका जिलों में तंबाकू मुक्ति की स्थापना किये जाने, वैकल्पिक अजाविका में श्रम विभाग की भूमिका आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी।
अब तक 2 लाख का जुर्माना
कोटपा, 2003 के प्रभावकारी अनुपालन के तहत करीब 2 लाख के अर्थदंड की वसूली की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सरकारी विद्यालयों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में गैर धूम्रपान क्षेत्र के बोर्ड का प्रर्दशन किया गया है। साथ ही, झारखंड के 1 लाख से भी अधिक स्कूली बच्चों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल कार्यक्रम के माध्यम से तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया है।
राज्य अधिकारियों की बैठक 21 को
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 को झारखंड में सख्ती से लागू करना है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक 21 मई को मुख्य सचिव कार्यालय के सभागार में होगी। इस बैठक में अधिकांश विभागों के सचिव भाग लेंगे। बैठक में तंबाकू नियंत्रण में विभिन्न विभागों के कार्य और दायित्व विशेषकर कोटपा, 2003 के प्रभावकारी अनुपालन में पुलिस की भूमिका, शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने में स्कूली षिक्षा एवं साक्षरता विभाग की भूमिका, तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की भूमिका जिलों में तंबाकू मुक्ति की स्थापना किये जाने, वैकल्पिक अजाविका में श्रम विभाग की भूमिका आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी।

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