नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 16 मई को झारखंड
के देवघर में नया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने
की मंजूरी दे दी है। परियोजना के लिए 1,103 करोड़ रुपये की स्वीकृत की गई है। एम्स
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत स्थापित किया
जाएगा। झारखंड सरकार ने इसके लिए 250 एकड़ जमीन
उपलब्ध करा दिया है।
अस्पताल में ये सब होगा
एम्स में 750 बिस्तरों का अस्पताल और ट्रामा सेंटर सुविधाएं होंगी।
प्रतिवर्ष 100 एमबीबीएम विद्यार्थियों के नामांकन के साथ मेडिकल कॉलेज होगा।
प्रतिवर्ष 60 बीएसई (नर्सिंग) विद्यार्थियों के नामांकन के साथ नर्सिंग कॉलेज, आवासीय परिसर और एम्स नई दिल्ली की तरह संबंधित सुविधाएं एवं सेवाएं
होंगी।
अस्पताल
में 15
ऑपरेशन थिएटरों सहित 20 स्पेशिऐलिटी/सुपर स्पेशिऐलिटी विभाग होंगे।
परंपरागत चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत ईलाज की
सुविधाएं देने के लिए 30 बिस्तरों के साथ आयुष विभाग होगा।
ये होगा प्रभाव
देवघर में नए एम्स की स्थापना से स्थानीय आबादी
को सुपर स्पेशिऐलिटी स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का
बड़ा पूल बनाया जा सकेगा। इससे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम)
द्वारा बनाए जा रहे प्राथमिक और द्वितीय स्तर के संस्थानों को उपलब्ध होंगे।
ये है पृष्ठभूमि
पीएमएसएसवाई के अंतर्गत भुवनेश्वर, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, ऋषिकेश और पटना में एम्स की स्थापना हो चुकी है। रायबरेली (उत्तर
प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और गुंटुर में मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) में एम्स का काम चल रहा है। एम्स गोरखपुर के लिए
निर्माण कार्य का ठेका दे दिया गया है।
यहां दी गई है मंजूरी
बठिंडा, (पंजाब) जुलाई, 2016
गुवाहाटी, (असम), मई, 2017
बिलासपुर, (हिमाचल प्रदेश), जनवरी, 2018

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