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बीएयू कुलपति ने कृषि मंत्री के पास रखी मांगे


  • वित्त ने वेतन पुनरीक्षण पर तीन बिन्दु पर प्रतिवेदन मांगा
  • वार्ता विफल, नोटिस और कर्मचारियों के निलंबन से भड़का संघ
रांची। बीएयू कुलपति डॉ पी कौशल ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह से मुलाकात कर शिक्षकेत्तर कर्मचारी की समस्या और उनकी मांगो की जानकारी दी। मंत्री ने कुलपति से इस विषय पर पूरी जानकारी ली। कर्मचारी की मांगे शीघ्र पूरा करने का आश्वसन दिया।

शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सप्तम वेतन पुनीरीक्षण के संबंध में कृषि विभाग ने बुधवार को एक पत्र भेजा है। इसमें योजना सह वित्त विभाग के सलाह के अनुसार वेतन पुनरीक्षण के संबंध में तीन बिंदु पर प्रतिवेदन भेजने को कहा है। इसमें पदवार, वेतनमानवार और ग्रेड पे का उल्लेख करते हुए पदाधिकारियों/कर्मियों और पेंशनर्स का राज्य कर्मियो के अनुरूप वेतन पुनरीक्षण लाभ का प्रतिवेदन, छठे वेतन पुनरीक्षण के आधार पर विभिन्न पदों के लिए स्वीकृत वेतनमान के आधार पर निर्धारित वेतन की जांच/सत्यापन के बाद सातवां वेतन पुनरीक्षण लाभ का प्रतिवेदन और पदाधिकारी / कर्मियों और पेंशनर्स के पदों के सृजन पर राज्य सरकार की विधिवत स्वीकृति की स्थिति और नियुक्ति की वैधता पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है।

कुलपति ने बताया कि प्रशासी विभाग के पत्र के आलोक में शीघ्र कारवाई कर तीन बिन्दुओं पर वांछित प्रतिवेदन भेजा जाना है। यह कर्मचारियों के वापस लोटने पर ही पूरा कर भेजा जा सकता है।कुलपति की पहल पर विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियो की कमेटी ने कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि से बुधवार को धरनास्थल पर अनौपचारिक वार्ता की। शाम में पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर जाकर कृषि विभाग के पत्र की जानकारी भी दी। कर्मचारियों से काम पर वापस आने का आग्रह किया। प्रशासन ने दावा किया कि हड़ताल के 13वें भी सभी संकायों और इकाई में पठन-पाठन और परीक्षा सामान्य ढंग से चल रहा है। बुधवार को वेटनरी और फिशरीज संकाय की खरीफ रिसर्च और बजट की बैठक सुचारू रूप से चली।

कर्मचारी संघ से पदाधिकारियों की वार्ता विफल रही। संघ के मुता‍बिक प्रभारी निदेशक प्रशासन ने शिक्षकेतर कर्मचारियों के प्रतिनिधि को वार्ता के लिए बुलाया। वहां निदेशक प्रशासन ने पुराना राग अलापा। संघ के महामंत्री मेघनाथ महतो ने कहा कि बार-बार निदेशक प्रशासन ही वार्ता के लिए बुलाते हैं। अध्यक्ष अब्बु सईद ने कहा कि संघ में शामिल कर्मचारियों को निदेशक प्रशासन बार-बार पत्र देकर बर्खास्त करने की बात कहते हैं। यह रवैया उचित नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासक कर्मचारियों के मांग के प्रति सजग नहीं दिख रहा है। विवि प्रशासन द्वारा कार्य से अनुप‍स्थित रहने पर सात सुरक्षा कर्मियों को निलंबित किए जाने पर संघ भड़क गया है। इस कार्रवाई से कर्मचारियों में रोष है।

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