Video Of Day

Latest Post

नौकरी नहीं व्यवसाय से जुड़ना चाहती है रेबका टोपनो

रांची। आदि महोत्सव आदिवासियों के लिए फलीभूत साबित हो रहा है। कई आदिवासी व्यवसाय के क्षेत्र में रूचि लेने लगे हैं। महोत्सव में कुल 75 आदिवासियों के स्टॉल लगे हुए हैं, जिनमें कई उत्पादों के सामान बिक्री के लिए रखे गये हैं। बिक्री भी अच्छी हो रही है। अब तक 50 लाख से अधिक की खरीदारी हो चुकी है। इससे इनके हौसले बढ़ गये हैं। मेले में कई आदिवासियों ने पहली बार व्यावसायिक दृष्टि से स्टॉल को लगाया है। उनके स्टॉलों पर अच्छी खरीदारी भी हो रही है। जिससे उनमें व्यवसाय के प्रति रूझान पैदा हो रहा है। कई युवाओं में व्यवसाय करने की रूचि पैदा हो गयी है।

खूंटी क्षेत्र की रहने वाली मनोनीत रेबका टोपनो ने पहली बार किसी मेले में झारखंडी सिविल स्टॉल लगाया है। सिविल का अर्थ टेस्ट होता है। इनके स्टॉल में झारखंडी व्यंजनों को परोसा जा रहा है। जिसे मेले में आने वाले खूब पसंद कर रहे हैं। लोगों की प्रशंसा ने उन्हें व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए रूचि जगा दी है। उन्होंने बताया कि आदि महोत्सव ने स्टॉल लगाने में मदद की और उनके पकवान के स्टॉल की लोग तारीफ कर रहे हैं। जिसके कारण उनका आत्मविश्वास बढ़ गया है। पकवान की अच्छी बिक्री है। उनके स्टॉल में डुंबू, मडु़वा रोटी, छिलका रोटी, अइरसा रोटी, गुड़ की चाय, मड़ुवा सूप आदि को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

रेबका टोपनो ने बताया कि वह खुद स्वावलंबी बनना चाहती है। इसके लिए उन्होंने खुद से ही स्वरोजगार के क्षेत्र आने का निर्णय किया था लेकिन उचित मंच नहीं मिल पा रहा था। आदि महोत्सव ने यह मंच उपल्ब्ध करा उनके हौसले को उड़ान देने जैसे कार्य किया है। उनके साथ पांच और लोग काम कर रहे हैं। रेबेका टोपनो फिलासॅफी में स्नातक  हैं लेकिन नौकरी के लिए कभी प्रयास नहीं किया। वह व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने पहले से काम करना प्रारंभ कर दिया था। महिलाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद भी करती रही हैं।

No comments