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वैज्ञानिक किसानों के बीच समन्‍वय बनाने रखने पर जोर

पश्चिम सिंहभूम। कृषि विज्ञान केन्द्र, जगन्नाथपुर में वैज्ञानिक सह कृषक सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को हुई। इसमें किसानों की उन्नति और उन्नत खेती पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि बीएयू अपर शोध निदेशक डॉ सोहन राम ने कहा कि झारखंड की मिट्टी में दीमक का प्रकोप है। इसे ध्यान में रखकर किसान काम करें। प सिंहभूम राज्‍य का दूसरा सबसे बड़ा सूखाड़ वाला क्षेत्र है। किसानों को रासायनिक खाद का कम से कम उपयोग करना चाहिये। गोबर खाद अधिक से अधिक उपयोग करें, ताकि भूमि का ऊर्वराशक्ति बना रहे। किसानों को नयी तकनीकी की जानकारी के लिये हमेशा वैज्ञानिकों से परस्पर सम्बन्ध बना कर रखना चाहिये। वैज्ञानिक सलाह दे सकते हैं। काम करना किसानों को है।
केन्द्र के मुख्य समन्वयक डॉ प्रमोद कुमार ने कहा पिछले साल की उपलब्धियां बताई। सब्जी खेती में 20 हजार, निम्बु एक हजार, पपीता 2 हजार, अमरुद 1 हजार, सूर्यमूखी 5 सौ, केली फ्लावर बीज तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावे प्रगतिशील किसानो के साथ साथ नये किसानो को प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रगतिशील महिला किसान पुष्पा सिंकू, मीना सिंकु और यशमती तिरिया ने अपनी बातें रखी। डॉ राम ने पशु चिकित्‍सक डॉ थनेश उरांव के केंद्र में नहीं आने पर कारण पूछने का निर्देश दिया। मौके पर संतोष लकड़ा, जिला उद्यान पदिधिकारी चाईबासा, देवाशीष महतो जूनियर वैज्ञानिक केबीके दारीसाई। फादर सीआर प्रभु जन विकास केन्द्र जमशेदपुर, फादर एल्विन, संजय कुमार, सनत कुमार सवैंया, फूदन मूर्मू, मो नसीम अंसारी, हरीश चन्द्र सिंकु, संजीत बोबोंगा, गणेश केराई भी मौजूद थे।

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