झारखंड के आदिवासी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा किस
रांची। कलिंगा इंस्टीट्यूट
ऑफ सोशल साइंस (किस) झारखंड के आदिवासी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा। उनके रहने की
व्यवस्था भी नि:शुल्क होगा। सत्र 2019 से पढ़ाई शुरू हो सकती है। कैबिनेट ने संस्थान
को 20 एकड़ जमीन देने की मंजूरी दे दी है। जल्द ही भवन निर्माण का काम शुरू होगा।
उक्त जानकारी संस्था के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत ने रांची प्रेस क्लब सभागार
में 11 मार्च को प्रेस को दी।
डॉ सामंत ने बताया कि संस्थान में एक से 12वीं तक की पढ़ाई होगी। गरीब से गरीब बच्चों का नामांकन लिया जाएगा। शुरू में पहली से आठवीं तक के करीब 1,200 बच्चों का नामांकन लिया जाएगा। वहीं बच्चें आगे दसवी और 12वीं में जाएंगे। पाठ्यक्रम की मान्यता जैक बोर्ड से ली जाएगी। इसे चलाने के लिए सरकार और कार्पोरेट कंपनियों से मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि उड़ीसा में पिछले 27 सालों से यह चल रहा है। वहां 27,000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
डॉ सामंत ने बताया कि संस्थान में गरीब से गरीब बच्चों का नामांकन लिया जाएगा। अधिक आवेदन आने पर उसी स्क्रूटनी की जाएगी। यहां से पास होने वाले बच्चों को कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (किट) की पढ़ाई में प्राथमिकता दी जाएगी। वर्तमान में इन संस्थान के बच्चों के लिए पांच फीसदी सीट आरक्षित रखी गई है। उड़ीसा में अभी किस की 20 शाखाएं खोली जा रही है। दस का काम शुरू हो गया है। इन शाखाओं को खोलने में कार्पोरेट कंपनियां मदद कर रही है।
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