Video Of Day

Latest Post

प्रज्ञा केंद्र संचालक जिला मुख्‍यालय पर 15 मार्च को करेंगे विरोध

रांची। झारखंड प्रदेश प्रज्ञा केंद्र संचालक संघ (वीएलई) सभी जिला मुख्यालय में 15 मार्च को सरकार का पुतला दहन करेंगे। यह निर्णय संघ की रविवार को रांची के पिस्का मोड़ स्थित नारायणी रेस्ट हाउस में हुई बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष राम रेख यादव और संचालन रितेश महलका ने किया। नेताओं ने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को 26 फरवरी को 10 सूत्री मांग पत्र सौपा गया था। उन्‍होंने तीन मांग पर सहमति जताते हुए शीघ्र विभागीय पहल की बात कही थी, परन्तु अब तक कोई पहल नहीं हुआ। इससे संचालक नाराज हैं। अध्यक्ष श्री यादव और महासचिव विक्रम आनंद राय ने सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति से की निंदा की। कहा कि जोरदार राज्यब्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। सरकार की तानाशाही रवैये के कारण संचालकों सहित आमजनों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। दस सूत्री मांग पत्र पे सहमति जताते के बावजूद मुकर जाने से आक्रोशित संचालकों ने आंदोलन का निर्णय लिया है।

प्रवक्ता योगेश कुमार पांडेय ने बताया कि अन्य राज्यों की तरह समान काम के लिए समान मानदेय तय करने की मांग की गई। आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई कराने। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत प्राप्त स्थानीय, आय, जाति प्रमाण पत्र के आवेदनों की ऑनलाइन इंट्री 14 वित्त कंप्‍यूटर ऑपरेटर से नहीं कराकर पंचायत भवन में संचालित वीएलई से कराने। अब तक किये गए तमाम कार्यो की बकाया राशि का भुगतान करने। स्थायी करने। सरकारी भवन में संचालित प्रज्ञा केंद्र पोर्टल में एक हजार की सिक्यूरिटी राशि की अनिवार्यता खत्म करने। हस्तांतरण की सुबिधा देनेप्रज्ञा केंद्र पोर्टल में दिखाई जा रही तमाम सेवाएं तत्काल चालू कराने। पूर्व की भांति प्रज्ञा केंद्रों में आधार पंजीकरण केंद्र यथावत रखने। बैंकिंग सहित अन्य कार्य बहाल करने सहित अन्‍य मांगें की गई।

सदस्‍यों ने कहा कि प्रज्ञा केंद्र को सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए झारखंड के तमाम पंचायतों में 2005-06 में  डीआईटी, जापिट,  डीईजीएस के द्वारा स्‍थ‍ापित किया गया। इसका उद्देश्‍य एक ही छत के नीचे सभी सरकारी, गैर सरकारी सेवाओं को पंचायत सचिवालय से बेहतर और सगमतापूर्वक आमजनों तक पहुंचाना है। इसके लिए पंचायत प्रज्ञा केंद्र संचालक (वीएलई) यानी ग्राम स्तरीय उद्यमी को मानदेय, सुबिधा, सुरक्षा, संसाधन देने की बात कह कर ब्यवस्थित किया गया। सरकारी सहित कई काम प्रज्ञा केंद्र से कराया जाता रहा है। भुगतान के नाम पर सिर्फ छल किया गया है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत प्रधानमंत्री जन धन खाता खोलने का काम करने पर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया। उसी खाते में तमाम तरह की सरकारी लाभ आमजनों को मिल रहा है।

प्रज्ञा केंद्र संचालको ने सरकार की तमाम योजनाओं को सरकारी आदेशानुसार निरंतर और नियमित रूप से विषम परिस्थितियों से जूझते हुए आमजनों तक अपनी पूंजी लगाकर पहुंचाई। उन्‍हें उम्‍मीद थी कि आने वाले समय में सुदृढ़ीकरण होगा, परन्तु वर्तमान में स्थिति बिल्कुल विपरीत है। महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज कर आधार पंजीकरण केंद्र को बैंकों, डाकघर में स्थापित किया जा रहा है। बैंकिंग कार्य को भी छिनने की कोशिश की जा रही है। यह न्यायसंगत नहीं है।

3 comments: