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एकल कहानी पाठ में सुनाई अपनी रचनाएं


रांची। जनवादी लेखक संघ के तत्‍वावधान में 11 मार्च को रांची के विश्वकर्मा लेन स्थित सफ़दर हाशमी सभागार में एकल कहानी पाठ का आयोजन किया गया। इसमें मिथिलेश अकेला और रफत आलिया ने अपनी कहानी ताला चाभी कहाँ हैं, दी रेन रेन गो अवे और वो अपाहिज नहीं है
का पाठ किया। श्री अकेला की पहली कहानी बाल मजदूरी और रिटायर्ड लाइफ की पीड़ा, डिप्रेशन, अकेलापन को रेखांकित करती है। वहीं आलिया की कहानी वो अपाहिज नहीं है एक ऐसी मुस्लिम युवती की कहानी है, जो एक अपाहिज से प्यार कर बैठती है, जिसे उसका परिवार स्वीकार नहीं करता है। कहानी पर चर्चा में डॉ जमशेद कमर, नीरज, ग़ालिब नश्तर, शारिब कौसर, प्रकाश विप्लव, आफरीन अख्तर, अविनाश आदि ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि कहानी बाल, युवा और वृद्धा अवस्था को दर्शाती है। लुप्त होती भारतीय संस्कृति को इंगित करती है। संस्कार और मूल्यों पर ज़ोर देती है। अध्यक्षता गुफरान अशर्फी और संचालन एमजेड खान ने किया। मौके पर
नसीमा, अनिल ठाकुर, रमज़ान कुरैशी, परवेज़ आलम, सलीम आदि मौजूद थे।

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