इराक में मारे गए भारतीयों को बचाने की काफी कोशिश की: PM
नई दिल्ली। इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
दुख जताया है। उन्होंने कहा कि एमईए ने भारतीयों को बचाने की काफी कोशिश
की थी। मृतकों के परिवार के साथ सभी भारतीय एकजुट होकर खड़े हैं। उन्होंने
कहा कि सरकार विदेश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये‘ पूरी
तरह’ प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा कि
प्रत्येक भारतीय उन लोगों के साथ दुख में शामिल है जिन्होंने मोसुल में
अपने प्रियजन को खो दिया। हम शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुट हैं और मोसुल
में भारतीयों के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय और खासतौर पर मेरी सहकर्मी सुषमा स्वराजजी और जनरल वी के सिंह जी ने मोसुल मेंइन भारतीयों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने में कोई प्रयास नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार विदेश में हमारे भाई- बहनों की सुरक्षासुनिश्चित करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सुषमा स्वराज ने की 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि
राज्यसभा में एक वक्तव्य में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 39 लापता भारतीयों की मौत की पुष्टि की और कहा कि इराकी अधिकारियों ने 38 लोगों के डीएनए नमूनों का मिलान किया है। 39वें व्यक्ति के डीएनए का 70 फीसदी मिलान हो सका। बाद में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने उन सवालों का जवाब नहीं दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि कब इन भारतीयों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि यह अप्रासंगिक है क्योंकि शवों को तभी बरामद किया जा सकता था जब मोसुल को आईएसआईएस से मुक्त कराया गया। मोसुल शहर को पिछले साल जून में आईएसआईएस के नियंत्रण से मुक्त कराया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय और खासतौर पर मेरी सहकर्मी सुषमा स्वराजजी और जनरल वी के सिंह जी ने मोसुल मेंइन भारतीयों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने में कोई प्रयास नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार विदेश में हमारे भाई- बहनों की सुरक्षासुनिश्चित करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सुषमा स्वराज ने की 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि
राज्यसभा में एक वक्तव्य में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 39 लापता भारतीयों की मौत की पुष्टि की और कहा कि इराकी अधिकारियों ने 38 लोगों के डीएनए नमूनों का मिलान किया है। 39वें व्यक्ति के डीएनए का 70 फीसदी मिलान हो सका। बाद में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने उन सवालों का जवाब नहीं दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि कब इन भारतीयों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि यह अप्रासंगिक है क्योंकि शवों को तभी बरामद किया जा सकता था जब मोसुल को आईएसआईएस से मुक्त कराया गया। मोसुल शहर को पिछले साल जून में आईएसआईएस के नियंत्रण से मुक्त कराया गया था।
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