जनाक्रोश महारैली में आदिवासियों ने भरी हुंकार
गुमला। परमवीर
अलबर्ट एक्का स्टेडियम में मंगलवार को आदिवासियों की जनाक्रोश महारैली हुई। इसका आयोजन
स्थानीय जागरूक मंच, झारखंड वन अधिकार मंच, आदिवासी छात्र संघ सहित
आदिवासी समाज के तत्वावधान में हुआ। इसमें हजारों की संख्या में महिला और पुरुष
पहुंचे। उन्होंने सरकार को धमकी दी कि कुरमी और तेली जाति को एसटी का दर्जा देने पर
पूरे राज्य में आक्रोश भड़केगा। वक्ताओं ने कहा है कि ये दोनों जातियां एसटी की
श्रेणी में आकर आदिवासियों के हक और अधिकार छीनने की योजना बनाए हुए हैं। इसे हम
कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महारैली के वक्ता ग्लैकसन डुंगडुंग, एके धान, जागरूक मंच के जिला अध्यक्ष विनय भूषण
टोप्पो ने कहा कि आदिवासियों के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं है। गुमला की 1.40
लाख एकड़ जमीन सरकार पूंजीपतियों को बेचने का योजना बनायी है। हाथी कॉरिडोर के लिए
गुमला जिले के पांच प्रखंड के 84 हजार एकड़ जमीन चिह्न्ति की है। नेतरहाट फील्ड
फायरिंग रेंज के लिए 256 गांवों की जमीन को सरकार ने अधिसूचित किया है। सरकार सीधे
तौर पर आदिवासियों को खत्म करना चाहती है, लेकिन ये महारैली
आगाज है।
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