अंतर जिला स्थानांतरण में देरी से शिक्षक नाराज
रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक
संघ ने प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के नवनियुक्त लगभग सात हजार शिक्षक
अंतर जिला स्थानांतरण की मांग की है। पदधारियों ने कहा कि सभी तबादले के भरोसा में
समय गुजार रहे है। विभाग इस पर उदासीन लापरवाह है। शिक्षकों के अंतर जिला स्थानान्तरण के लिये
आवेदन भी जमा लिया गया था। कई जिलों ने इसकी सूची अक्टूबर 2017 में ही प्राथमिक
शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई थी। इसके बाद भी अंतर जिला स्थानान्तरण नहीं हो सका।
इससे शिक्षाकों का जीवन उथलपुथल हो गया है। पारिवारिक दायित्व में कठिनाई हो रही है।
कई ऐसे शिक्षक दम्पति है जो अलग अलग जिला में कायर्रत है। प्रदेश में प्राथमिक व मध्य
विद्यालय के शिक्षको का कैडर जिला स्तरीय है। शिक्षकों की नियुक्ति यथा संभव गृह
प्रखंड और जिला में करने का प्रावधान है। सेवाशर्त के अधीन ही अंतर जिला
स्थानान्तरण है। इस पर फिलहाल शिक्षा सचिव ने रोक लगा रखा है। यह उचित नहीं है।
जून माह में अंतर जिला स्थानान्तरण करने का पहले से नियम है। प्रक्रिया पूरी होने में
कम से कम चार माह लेंगे। अभी इसे काम शुरू नहीं होने पर तबादला संभव नहीं हो पाएगा।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के
प्रदेश अध्यक्ष बिजेन्द्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और प्रदेश
मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग द्वारा शिक्षकों
के स्थानान्तरण को लेकर नियमावली बनाने की प्रक्रिया आरम्भ की गई थी। नियमावली को
लेकर शिक्षक संघ से सुझाव मांगा गया था। शिक्षकों ने सुझाव भी दिया था, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षकों के
स्थानान्तरण नियमावली का मामला लगभग दस माह से लंबित है। नियमावली में भी शिक्षकों
के गृह प्रखण्ड और जिले में यथा सम्भव पदस्थापित करने की बात कही गई थी। शिक्षको
के गृह जिले में नहीं होने से पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। संघ ने
नियमावली में शिक्षकों की सलाह को शामिल करते हुए इसे शीघ्र मंजूरी देने की मांग की।
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