ग्रामीण इलाकों में सेवा के बाद डॉक्टरों को मिले पहला प्रमोशन
- उप राष्ट्रपति ने ग्रामीण स्वास्थ्य सम्मेलन में की वकालत
उप राष्ट्रपति ने कहा कि एशिया और प्रशांत
क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में असमानताएं हैं। अफ्रीका की 83 प्रतिशत ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच
नहीं है। आईएलओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर के शहरी इलाकों में 30
लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी की तुलना में ग्रामीण इलाकों में 70 लाख स्वास्थ्य
कार्यकर्ताओं की कमी है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि इस स्थिति में सुधार के
लिए स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सभी साझेदारों को मिलकर प्रयास करने चाहिए। एक
विस्तृत और सुव्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाकर इन असमानताओं को दूर किया जा सकता है। सस्ती
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि निजी
क्षेत्र, एनजीओ और एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन्स ऑफ इंडिया जैसे डॉक्टरों के
संगठन शहर और गांवों के बीच भिन्नता को समाप्त करने में सरकार के प्रयासों में
भागीदार बनकर वृहद भूमिका निभा सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी को
दूर करने के लिए संभावित समाधान नये एमबीबीएस स्नातकों को पहला प्रमोशन देने से
पहले उनकी ग्रामीण इलाकों में अनिवार्य तैनाती हो सकता है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर-मरीज का कम
अनुपात, कुशल अर्द्ध चिकित्सकों की कमी और खराब बुनियादी ढांचा जैसी प्रमुख
कठिनाइयां एक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली देने में बाधा बनती हैं। इसे दूर करने के लिए
मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति और गैर-सरकारी संगठनों की सहायता से प्रमुख राष्ट्रीय
और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन की आवश्यकता है।
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