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सभी केवीके एक गांव गोद ले : कुलपति


रांची। किसानों के कल्याण में कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज जिला, राज्य और देश स्तर पर किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही जा रही है। इसे जिला स्तर पर केवीके को धरातल पर लाना है। इसके लिये राज्य के सभी 24 केवीके एक गांव चिन्हित कर गोद लें। रोड मैप तैयार कर अनुसंशित तकनीकों, जागरूकता और कौशल विकास के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयत्न करें। सभी केवीके अपने फार्म की भूमि और संसाधनों का शत प्रतिशत उपयोग करे। फार्म में आय दोगुनी करने की तकनीकों को प्रदर्शित करें। किसानो में जागरूकता लाने के लिये पीएमओ ने भी ऐसे कदम उठाने की बात कही है। उक्त बातें बीएयू कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही।

आईसीएआर की संस्था एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टिट्यूट (अटारी), पटना जोन के प्रभारी निदेशक डॉ हलधर ने बताया कि इस कार्यशाला में सभी केवीके के वर्ष 2018-19 की ट्रेनिंग, फ्रंट लाइन प्रत्यक्षण और ऑन लाइन प्रत्यक्षण की कार्य योजना को मूर्तरूप देना है। इसे ओडिशा में आयोजित जोनल वर्कशॉप में स्वीकृति दी जायेगी। उन्होंने बताया की कार्यशाला में किसानो के लिए लाभकारी तकनीको पर विशेष जोर दिया जायेगा।

मौके पर शोध निदेशक डॉ डीएन सिंह ने राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने में फसल विविधिकरण में अरहर, मकई, ज्वार और बाजरा को प्राथमिकता देने की बात कही। प्रसार निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव ने स्वागत और अपर प्रसार निदेशक डॉ सोहन राम ने धन्यवाद दियाI

तकनीकी सत्र में झारखंड के सभी 24 केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह हेड ने वर्ष 2018-19 का कार्य योजना प्रस्तुत की। इस सत्र में सभी कार्य योजना पर चर्चा की गई। कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया। कार्यशाला के समापन पर प्रभारी केवीके मोनिटरिंग सेल डॉ रेखा सिन्हा ने धन्यवाद किया। कार्यशाला में सभी केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह हेड के अलावा डॉ एमएस यादव, डॉ राघव ठाकुर, डॉ जेडए हैदर, डॉ देवेन्द्र प्रसाद, डॉ अरुण प्रसाद, डॉ एआर देव, डॉ एमपी सिन्हा, डॉ एके सिंह, डॉ बीके रॉय आदि मौजूद रहे।

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