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कोर्ट की पहल, फेसबुक का साथ, बन गई बात


दुमका कोर्ट ने पहल की। फेसबुक ने साथ दिया। फिर क्‍या था, बिगड़ती हुई बात बन गई। पांच साल से अलग रह रहे दंपत्ति ने साथ रहने का वायदा किया। यह मामला झारखंड की उप राजधानी दुमका की है। दुमका शहर के ग्रांट स्टेट मुहल्ले की रहने वाली मुन्नी कुमारी की शादी 14 मई 2011 को जिले के शिकारीपाड़ा थानाक्षेत्र के गम्हरा गांव के दीनबंधु गोराई उर्फ मनोज कुमार गोराई के साथ हुई थी। दोनों दंपत्ति को 8 मई 2013 को एक पुत्र आर्यन राज हुआ। दीनबंधु बीएसएफ में कार्यरत हैं। पत्नी पति के साथ रहना चाहती थी। यह जवान के लिए संभव नही था। इसे लेकर दोनों में मनमुटाव होने लगे। दूरिया बढ़ती गई। उसके बाद मुन्नी अपने बेटे के साथ मायके में रहने लगी। इस दरम्यान मुन्नी ने पति के खिलाफ प्रताड़ना और भरण पोषण का मामला 2015 मे दर्ज करा दिया। 

कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के कक्ष मे मध्यस्थता के दरम्यान करीब पांच साल बाद उनकी हल्की बातचीत शुरू हुई। एक दिन अचानक पति को पत्नी फेसबुक पर दिखी। दोनों मे मैसेंजर के जरीये बातचीत होने लगी। इसी बीच प्रताडना के मामले में दुमका के एसडीजेएम ने दोनों को मध्यस्थता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मध्यस्थता केन्द्र भेजा। वहां राजेन्द्र प्रसाद ने मध्यस्थता के माध्यम से दोनों को एक कर दिया। दीनबंधु अभी पश्चिम बंगाल के कूच बिहार मे पदस्थापित हैं। वे पत्नी और बच्चे को साथ ले जाने को सहमत हो गये। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव निशांत कुमार ने दंपत्ति के उज्‍ज्‍वल भविष्य की कामना की। दंपति को मिलवाने मे उनके अधिवक्ता मनोज कुमार और संजय कुमार मंडल ने भी भूमिका रही।

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