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आदिवासी गांव का विकास प्राथमिकता में : मुख्यमंत्री


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के आदिवासी और अनुसूचित जाति बहुल गांवों का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन क्षेत्रों में सरकार की योजनाएं सही तरीके से पहुंचे यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसे ध्यान में रख कर आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति की परिकल्पना की गयी है। गांव के लोग समिति में रखे गये हैं। समिति ही गांव में छोटी-छोटी विकास योजनाएं तय करेगी। सरकार मॉडल एस्टिमेट के अनुसार तय राशि समिति को दे देगी। योजना की 80 प्रतिशत राशि समिति को दी जायेगी। बाकी 20 प्रतिशत श्रमदान के माध्यम से गांव वाले खर्च करेंगे।

पहले चरण में डोभा, बोरा बांध, कुआं, तालाब, चेकडैम आदि की जरूरत समिति बैठक कर तय करे। इसे बनाने की राशि समिति के बैंक खाते में आ जायेगी। गठित की जा चुकी सभी समितियों को 16 से 23 मई तक बैठक कर इसे तय कर लेना है। इसके बाद जल्द राशि निर्गत करें, जिससे समय रहते काम शुरू हो सके। जन सहयोग से योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी। उक्त निर्देश मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को दिया। वे नौ मई को झारखंड मंत्रालय में ग्राम विकास समिति और आदिवासी विकास समिति के द्वारा किये जानेवाले कार्यों के निर्धारण के लिए हुई बैठक में बोल रहे थे।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि गांव के लोगों पर भरोसा करना चाहिए। ग्रामीण कभी गड़बड़ी नहीं करेंगे। राशि उन्हें मिलने के बाद वे बेहतर तरीके से खर्च कर योजना का लाभ लेंगे। अब तक केवल अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं का कार्यान्वयन होता रहा था। हमारा गांव हम करेंगे विकास इस सोच से ग्रामीण अपने गांव का विकास करेंगे। अब आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति के माध्यम से काम कराने से बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। गांव के बेरोजगार युवकों को भी रोजगार मिल जायेगा। कई मुखिया ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। वे शोषक हो गये हैं। समिति के माध्यम से काम कराने पर मुखिया पर से निर्भरता समाप्त होगी। गरीबों से प्रधानमंत्री आवास योजना, एलपीजी कनेक्शन देने आदि में रिश्वतखोरी की सूचना मिल रही है। वैसे मुखिया पर कार्रवाई की जायेगी।

पंचायती राज सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि पूरे राज्य में 60 फीसदी गांवों में आदिवासी विकास समिति/ग्राम विकास समिति बन चुकी है। सिमडेगा और जामताड़ा के सभी गांवों में समितियों का गठन हो चुका है। बैठक में विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव इंदूशेखर चतुर्वेदी, शिक्षा सचिव एपी सिंह, ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, कल्याण सचिव हिमानी पांडे,   कृषि सचिव पूजा सिंघल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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