राम की जीवनी एक आदर्श
रांची। श्री
श्याम मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव और श्रीराम
जन्मोत्सव का कथा जीवंत झाकी द्धारा वर्णन किया गया। कोलकाता से आए कथावाचक
पंडित शिवम विष्णु पाठक ने भागवत कथा प्रसंगों में सर्वप्रथम श्रीराम जी के
सूर्यवंश का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सूर्यवंश वीरों की गाथा रही है। प्रभु
श्रीराम आर्दश हैं। उनकी एक-एक गाथा जीवनोपयोगी है। चन्द्रवंश का विस्तार से वर्णन
हुआ। श्रीमद् भागवत कथा के कल के अन्तिम प्रसंग में प्रभु श्री बालकृष्ण का
प्रादुर्भाव हुआ। पंडित शिवम के गाए भजनों से संपूर्ण श्री श्याम मंदिर वृन्दावन
धाम लगने लगा। गंगा मैया का महत्व का वर्णन किया।
पंडित जी ने कहा
कि श्रीराम मंदिर जल्द बनना चाहिए। श्रीराम जन्म भूमि कोई भूमि मात्र का
टुकडा नहीं, बल्कि देश के समस्त हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है। श्रीराम और
श्रीकृष्ण राष्ट्र के दो नयन है, जिनके बगैर भारत राष्ट्र
अधूरा है। कृष्ण कुमार अग्रवाल, रतन सिघानियां, सुषमा अग्रवाल
सहित नगर के अनेक धर्मप्रेमियों ने कथा सुनी। श्री श्याम मित्र मंडल के महामंत्री आनंद
शर्मा ने बताया कि रविवार को कथा के पांचवें दिवस पर बाल लीलाओं का और गोवर्धन
उत्सव का वर्णन होगा।
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