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ग्रीन कार्ड के लिए कोटा सिस्टम खत्म हो: भारतीय

वॉशिंगटन। अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के आईटी प्रोफेशनल्स डोनाल्ड ट्रम्प सरकार से ग्रीन कार्ड बैकलॉग (सीमा) खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग के लिए न्यूजर्सी और पेंसिलवेनिया में रैलियां भी निकाली गईं। प्रोफेशनल्स का कहना है कि प्रति देश लिमिट का कोटा खत्म किया जाए। काफी लंबे समय से ये मांग की जा रही है और अमेरिकी सरकार जल्द से जल्द नियमों में बदलाव करे।

समस्या के जल्द समाधान की मांग
अपनी मांगों से जुड़े संदेश लिखी हुई तख्तियों और पोस्टर्स के साथ रैली निकाली गईं। इन लोगों का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी संसद और व्हाइट हाउस प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान दें और हाइली स्किल्ड अप्रवासियों की समस्या का समाधान करें।

क्या होता है ग्रीन कार्ड, कितना है कोटा ?
अमेरिका में स्थायी रूप से रहते हुए काम करने के लिए स्थायी निवासी बनना जरूरी है और इसके लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत होती है। फिलहाल हर देश के लिए इसका कोटा 7% फिक्स है। आईटी प्रोफेशनल्स एच-1बी वीजा पर भारत से अमेरिका में काम करने के लिए आते हैं जो कि वर्क वीजा होता है। ग्रीन कार्ड की लिमिट होने की वजह से ऐसे कई लोग यहां बरसों से स्थायी निवासी का दर्जा पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

इमिग्रेशन नियमों में बदलाव की मांग
पेंसिलवेनिया की रैली में बच्चे भी शामिल हुए। इनमें से तीन बच्चों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि 21 साल की उम्र होते ही उनका एच-4 वीजा खत्म हो जाएगा। बच्चों ने मांग करते हुए कहा कि सभी बच्चों के लिए नियम बराबर होने चाहिए।

क्या होता है एच-4 वीजा
एच-1बी वीजा वाले प्रोफेशनल्स की पत्नी और बच्चों के लिए जारी किया जाता है, लेकिन बच्चों की उम्र 21 साल होने ही इसकी वैलिडिटी खत्म हो जाती है। इस तरह बच्चों के लिए स्टूडेंट वीजा या फिर दूसरे विकल्प तलाशने पड़ते हैं।

क्या है एच-1बी वीजा
अमेरिका में काम करने के लिए दूसरे देशों के कर्मचारियों के लिए जरूरी। आईटी कंपनियों को एच-1बी वीजा की काफी जरूरत पड़ती है क्योंकि आईटी सेक्टर से सबसे ज्यादा कर्मचारी आउटसोर्स किए जाते हैं। भारत से हर साल हजारों कर्मचारी एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिका में नौकरी के लिए जाते हैं।

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