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एक-दो नंबर से किसी बच्चे को न करें फेल: जैक चेयरमैन

रांची। मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बीच मंगलवार को झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) के चेयरमैन डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने जमशेदपुर के सभी 6 मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण किया। उनके साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार प्रसाद सिंह भी थे। जैक चेयरमैन ने शिक्षकों से कहा कि कॉपी को सही ढंग से जांचें, क्योंकि अगर किसी भी प्रकार की गलती हुई तो उसे छात्र का करियर खराब होगा। लेकिन, गलती पकड़ी गई तो शिक्षक को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में किसी प्रकार की कोई त्रुटि ना हो, इस पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की उत्तरपुस्तिका आप जांच रहे हैं, उन्हें अपना बच्चा मान के नंबर दीजिए। अगर, कोई छात्र एक-दो नंबर से फेल हो रहा है, तो उसे फेल करने से बचें। छात्र ने थोड़ा भी सही उत्तर लिखा है तो उसे उस हिसाब से नंबर जरूर दें। अगर, रिजल्ट खराब हुआ तो इसके लिए अंत में जिम्मेदार शिक्षक ही होंगे। उन्होंने 4 अन्य मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण किया।

 इस बार बोर्ड परीक्षा देर से लेने के सवाल पर जैक चेयरमैन डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि पिछले साल रिजल्ट खराब होने के बाद सरकार के स्तर से एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने सिफारिश की थी कि मार्च के पहले सप्ताह में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा ली जाए, ताकि परीक्षार्थियों को अधिक से अधिक समय परीक्षा की तैयारी करने के लिए मिले। इसी के बाद परीक्षा को पिछले वर्ष की तुलना में देर से आयोजित किया गया। इस बार 8वीं की बोर्ड परीक्षा भी ली गई। यह भी एक कारण बोर्ड परीक्षा की देरी का था।

मूल्यांकन देर से शुरू हुआ, पर रिजल्ट जून के पहले सप्ताह में आएगा
बोर्ड परीक्षा के साथ ही मूल्यांकन कार्य में देरी के सवाल पर डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद 9वीं अौर 11वीं की वार्षिक परीक्षा शुरू हो गई। इसमें सभी शिक्षक लग गए थे। इसकी वजह से मूल्यांकन कार्य को टाल कर मई में ले जाना पड़ा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे समय पर मूल्यांकन कार्य करें। जैक इसके पूरा होने के एक सप्ताह में रिजल्ट प्रकाशित कर देगा। हमारा प्रयास है कि जून के पहले सप्ताह में रिजल्ट घोषित कर दिया जाए।

ब्लैक लिस्टेड शिक्षक मैट्रिक-इंटर की कॉपियों का कर रहे थे मूल्यांकन, हटाए गए
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा मैट्रिक-इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। इसमें उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन ब्लैक लिस्टेड शिक्षक भी कर रहे हैं। ब्लैक लिस्टेड यानी वैसे शिक्षक जो परीक्षा कार्य में पहले गड़बड़ी कर चुके हैं। सोमवार को जैक के निर्देश पर ऐसे तीन ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से हटा दिया गया है। ये सेंट जॉन इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर इंटरमीडिएट का मूल्यांकन कर रहे थे। इन दोनों शिक्षकों द्वारा चार से छह मई तक कॉपियों का मूल्यांकन किया है।

 एसएस प्लस टू विद्यालय की इकोनॉमिक्स की शिक्षिका नील कुसुम भी ब्लैक लिस्टेड हैं। परीक्षक लिस्ट में इनका भी नाम है। लेकिन, इन्होंने योगदान नहीं दिया है। बताते चलें कि मूल्यांकन से हटाए गए शिक्षकों में सेंट अन्ना इंटर कॉलेज के अंग्रेजी शिक्षक अमित कुमार महतो, केओ इंटर कॉलेज रातू के इकोनॉमिक्स के कृष्णा चंद्र गुप्ता व बालकृष्णा प्लस टू विद्यालय के गणित शिक्षक अवधेश कुमार झा शामिल हैं।

मूल्यांकित कॉपियों की होगी दोबारा जांच
ब्लैक लिस्टेड शिक्षिकों द्वारा जांची गई उत्तरपुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन किया जाएगा। इस संबंध में जैक द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया है। जैक ने कहा है कि ब्लैक लिस्टेड शिक्षक द्वारा जांची गई उत्तर पुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन प्रधान परीक्षक द्वारा किया जाएगा। बतातें चले कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों की फिल्टर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर ऐसी व्यवस्था होती तो ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों को परीक्षकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया जा सकता।

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