अफगानिस्तान: 24 घंटे में 4 जगहों पर आतंकी हमले, 20 जवानों की मौत
काबुल।
अफगानिस्तान में शनिवार को हुए अलग-अलग चार आतंकी हमलों में 18 सैनिकों
समेत 23 लोगों की मौत हो गई। कई जख्मी हुए हैं। जिनमें से दो ही हालत नाजुक
बताई जा रही है। आतंकियों ने सैनिकों के हथियार भी चुरा लिए। तालिबान और
आईएसआईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
पहला हमला शनिवार देर रात पश्चिमी फराह प्रांत के बाला बोलक में किया गया। इसमें 18 सैनिकों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीर के हवाले से बताया, "आतंकियों के एक बड़े दल ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया। घायलों के लिए जरूरी मदद भेजी गई है।" वहीं, फराह के डिप्टी गवर्नर यूनुस रसूली ने बताया, "अधिकारियों के एक डेलीगेशन को हमले की जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। तालिबान ने खुद इस हमले की जिम्मेदारी ली है। साथ ही कहा है कि उसके दो सदस्य भी मारे गए हैं।
दूसरा हमला शनिवार को हेमंड प्रांत में किया गया। प्रांत के स्पोक्सपर्सन ओमार जावक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इसमें तालिबान आतंकियों ने नाद-ए-अली आर्मी बेस में दाखिल होने के लिए सेना की गाड़ी (हम्वी) का इस्तेमाल किया। सैनिकों ने उन्हें पहचान लिया और उन पर आरपीजी (रॉकेट प्रॉपेल्ड गन) से हमला कर दिया, लेकिन बदकिस्मती से हमले में सेना के दो जवानों की मौत हो गई।
तीसरा हमला भी शनिवार को हेमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुलिस हेडक्वार्टर के पास किया। फगानिस्तान इंटीरियर मिनिस्ट्री के डिप्टी स्पोक्सपर्सन नसरत रहमानी ने कहा, “सुबह करीब 8:30 बजे सूट पहने एक सुसाइड बॉम्बर ने एरिया नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) कम्पाउंड में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन उसे चेकपॉइन्ट पर पहचान लिया गया, जिसके बाद उसने खुद को ब्लास्ट कर लिया। इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 लोग घायल हो गए। ये कंपाउंड नाटो हेडक्वार्टर्स और अमेरिकी एम्बेसी के बेहद करीब है। हेमंड में हुई दोनों घटनाओं की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
चौथा हमला शनिवार सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में किया गया। यह भी फिदायीन हमला था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम सात लोग जख्मी हो गए। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली।
अफगानिस्तान में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमले
बता दें कि दिसंबर में भी एक सुसाइड बॉम्बर ने डिप्लोमैटिक एरिया के पास खुद को ब्लास्ट किया था। इसमें 6 नागरिकों की मौत हो गई थी। वहीं जनवरी में आतंकियों ने काबुल के एक लग्जरी होटल, एक भीड़ भरी गली और एक मिलिट्री कंपाउंड पर हमला किया था। इन हमलों में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
पहला हमला शनिवार देर रात पश्चिमी फराह प्रांत के बाला बोलक में किया गया। इसमें 18 सैनिकों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीर के हवाले से बताया, "आतंकियों के एक बड़े दल ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया। घायलों के लिए जरूरी मदद भेजी गई है।" वहीं, फराह के डिप्टी गवर्नर यूनुस रसूली ने बताया, "अधिकारियों के एक डेलीगेशन को हमले की जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। तालिबान ने खुद इस हमले की जिम्मेदारी ली है। साथ ही कहा है कि उसके दो सदस्य भी मारे गए हैं।
दूसरा हमला शनिवार को हेमंड प्रांत में किया गया। प्रांत के स्पोक्सपर्सन ओमार जावक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इसमें तालिबान आतंकियों ने नाद-ए-अली आर्मी बेस में दाखिल होने के लिए सेना की गाड़ी (हम्वी) का इस्तेमाल किया। सैनिकों ने उन्हें पहचान लिया और उन पर आरपीजी (रॉकेट प्रॉपेल्ड गन) से हमला कर दिया, लेकिन बदकिस्मती से हमले में सेना के दो जवानों की मौत हो गई।
तीसरा हमला भी शनिवार को हेमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुलिस हेडक्वार्टर के पास किया। फगानिस्तान इंटीरियर मिनिस्ट्री के डिप्टी स्पोक्सपर्सन नसरत रहमानी ने कहा, “सुबह करीब 8:30 बजे सूट पहने एक सुसाइड बॉम्बर ने एरिया नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) कम्पाउंड में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन उसे चेकपॉइन्ट पर पहचान लिया गया, जिसके बाद उसने खुद को ब्लास्ट कर लिया। इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 लोग घायल हो गए। ये कंपाउंड नाटो हेडक्वार्टर्स और अमेरिकी एम्बेसी के बेहद करीब है। हेमंड में हुई दोनों घटनाओं की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
चौथा हमला शनिवार सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में किया गया। यह भी फिदायीन हमला था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम सात लोग जख्मी हो गए। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली।
अफगानिस्तान में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमले
बता दें कि दिसंबर में भी एक सुसाइड बॉम्बर ने डिप्लोमैटिक एरिया के पास खुद को ब्लास्ट किया था। इसमें 6 नागरिकों की मौत हो गई थी। वहीं जनवरी में आतंकियों ने काबुल के एक लग्जरी होटल, एक भीड़ भरी गली और एक मिलिट्री कंपाउंड पर हमला किया था। इन हमलों में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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