याद किए गए कवि केदारनाथ सिंह
रांची। जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ और इप्टा के सदस्यों ने कवि
केदारनाथ सिंह को याद किया। इस अवसर पर शनिवार को राजधानी के बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम
सभागार में उनकी स्मृति में ‘शब्दांजलि’ कार्यक्रम हुआ। अध्यक्षता करते हुए अशोक प्रियदर्शी
ने कहा कि केदारनाथ सिंह प्रतिकार के कवि हैं। उनकी कविताओं में लोक के भविष्य की
बात दिखाई पड़ती है। कथाकार रणेंद्र ने कहा कि उनकी कविताओं में वर्तमान का संकट और
भविष्य की आहट स्पष्ट रूप से सुनाई पड़ती है। वेणु प्रकाश ने कहा कि उनकी कविताओं
में कला और विज्ञान दोनों का मिश्रण है। झारखंड केंद्रीय विवि के हिंदी के प्राध्यापक
डॉ रत्नेश ने उनके कृतित्व पर प्रकाश डाला।
साहित्यकार अजय वर्मा ने कहा कि उन्होंने
अपने गांव और अपनी मातृभाषा को कभी नहीं छोड़ा। डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने उनकी कविताओं
के मर्म को बताया। कार्यक्रम की शुरुआत उनकी चार कविता के ऑडियो वीडियो प्रस्तुती
से हुई। इसे स्वरबद्ध कथाकार पंकज मिश्र और संपादन राजेश करमाहे ने किया है। मंच संचालन
डॉ मिथलेश और धन्यवाद एमजेड खान ने किया। इस अवसरपर डॉ कुमुदकला मेहता, कुमार बृजेंद्र, कामेश्वर श्रीवास्तव, प्रवीण परिमल, वीणा श्रीवास्तव, हुसैन कच्छी, जमशेद कमर, डॉ अभिषेक पांडेय, पावेल सहित अन्य मौजूद थे।

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