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खूंटी: उग्रवादियों ने इंजीनियर-मुंशी की हत्या की


रांचीखूंटी जिला के कर्रा में गुरुवार को हुए एनकाउंटर में मारे गए दो उग्रवादियों का बदला लेने के लिए पीएलएफआई ने शुक्रवार को इंजीनियर और मुंशी की हत्या कर दी। घटना हटिया-राउरकेला सेक्शन के लोधमा-बालशृंग में रेलवे साइडिंग पर घटी। पुलिस की वर्दी में आए उग्रवादियों ने इंजीनियर विशाल रेड्‌डी को गोलियों से भून डाला। घटनास्थल से पुलिस को 12 खोखे मिले। ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने कहा कि पीएलएफआई उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया है। मुंशी प्रह्लाद सिंह राठौर के सिर में गोली मारी गई और पोकलेन ड्राइवर हजारीबाग के देवकी सिंह के पैर में गोली लगी है। वह रिम्स में भर्ती हैं। विशाल कर्नाटक के और प्रह्लाद सतना के थे।

इंजीनियर और मुंशी पर था भेदिया बनकर आने का शक
रेलवे साइडिंग पर रिपेयरिंग का काम चल रहा था, लेकिन पीएलएफआई ने काम करा रही कंपनी एसके कंस्ट्रक्शन को लेवी के लिए धमकाया और काम बंद करा दिया। चार दिन से यहां काम बंद था, पर पुलिस को सूचना नहीं दी गई। दो दिन पहले एसके कंस्ट्रक्शन के इंजीनियर विशाल रेड्‌डी और मुंशी प्रह्लाद सिंह राठौर जंगल में पीएलएफआई उग्रवादियों से मिले। रकम तय हुई और कंपनी देने के लिए तैयार हो गई। रकम कितनी थी, यह इंजीनियर और मुंशी को ही पता था। इसी बीच गुरुवार को कर्रा में पुलिस और पीएलएफआई उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें दो उग्रवादी मारे गए। एसएसपी ने कई और उग्रवादियों को गोली लगने की बात कही थी। इसके बाद उग्रवादियों को शक हुआ कि इंजीनियर और मुंशी भेदिया बनकर आए थे और पुलिस को जानकारी दे दी। इसके बाद कर्रा में एनकाउंटर हुआ।

पुलिस की वर्दी में आए थे 6 उग्रवादी
घटना के एकमात्र चश्मदीद पोकलेन ड्राइवर देवकी सिंह ने बताया, सुबह करीब 8:15 बजे थे। मैंने और प्रह्लाद सिंह ने नहाकर कपड़े सुखाने के लिए झाड़ी पर डाले थे। पेड़ के नीचे कुर्सी पर विशाल रेड्‌डी बैठे थे। सत्तू पीकर उन्होंने ग्लास नीचेे रखा ही था कि तीन बाइक पर छह उग्रवादी आए। सभी पुलिस की वर्दी में थे। आते ही दो उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सभी भागने लगे। उग्रवादियों ने विशाल रेड्‌डी को गोलियों से भून डाला। प्रह्ललाद सिंह भागे। उग्रवादियों ने दौड़ाकर पकड़ा और सिर में पिस्टल सटाकर उन्हें गोली मार दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मैं भी भाग रहा था। मेरे पैर में गोली लगी, लेकिन किसी तरह भागकर सड़क तक पहुंचा। परिचित को फोन कर बुलाया और उनके साथ रिम्स पहुंचा।

स्टोव पर था पका चावल
घटनास्थल पर बने टेंट में स्टोव पर पका चावल पड़ा था। विशाल रेड्‌डी जमीन पर गिरे थे। पास में उनका मोबाइल पड़ा था। जिस पर लगातार फोन आ रहे थे। उनके शव के करीब 20 फीट की दूरी पर प्रह्लाद सिंह का शव पड़ा था। ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने कहा कि पीएलएफआई उग्रवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया है।

मोबाइल सर्विलांस पर है
रेलवे साइडिंग पर काम करा रहे ठेकेदार और मुंशी का माेबाइल नंबर पुलिस सर्विलांस पर रखती है। क्योंकि सर्विलांस पर रहने से पुलिस को उनकी बातचीत और लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती रहती है। चूंकि इंजीनियर और मुंशी दो दिन पहले ही पीएलएफआई के उग्रवादियों से मिले थे और उनका लोकेशन पुलिस को पता चल गया था। यह भी हत्या की एक वजह मानी जा रही है।

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