राजस्व प्राप्ति में लक्ष्य से अधिक पाने की रणनीति तैयार करें : सीएम
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 11 अप्रैल
को झारखंड मंत्रालय में वाणिज्यकर, उत्पाद, परिवहन, निबंधन और भू-राजस्व
के राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य की समीक्षा की। उसे पाने के लिए विभागों द्वारा तय
की गई कार्य योजना और रणनीति पर चर्चा कर निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व की
प्राप्ति करने का निर्देश दिया।
रणनीति हो-एडवांस प्लानिंग हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी समस्याओं को दूर
करेंगे, परन्तु राजस्व प्राप्ति
के लिये पूरे मन से जुट जाएं। प्रत्येक स्तर पर रणनीति हो। बैकअप प्लान हो।
कहां-कहां समस्याएं आ सकती हैं, उसे अभी से रेखांकित करें।
राजस्व संग्रहण में खुले मन से प्रभावकारी रणनीति होनी चाहिए। गत वर्ष की
उपलब्धियों और सीमित संसाधन को ध्यान में रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां लीकेज
है, गड़बड़ी की शिकायत है, वहां कार्रवाई
भी करें। आईटी का प्रभावकारी उपयोग करें। बिलिंग, स्टॉक क्रय-विक्रय
आदि सभी विषयों पर आईटी का उपयोग करें।
टैक्स प्रोजेक्सन बेस का आकलन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोफेशनल और
उच्चस्तरीय अनुभवी एजेंसी को टैक्स प्रोजेक्सन बेस के आकलन का काम दिया जाए कि
प्रत्येक व्यवसाय में कुल कितना राजस्व प्राप्ति की क्षमता है। ताकि हम अपने
लक्ष्य को वास्तविक बना सकते हैं। अन्य राज्यों की प्रणाली का भी अध्ययन करने का
निर्देश दिया। एक क्षेत्र/नगर विशेष के लोगों के उपभोग का आकलन कर यह जाना जा सकता
है कि कुल कितना क्रय-विक्रय हो रहा है। कितना राजस्व आना चाहिए। इससे भविष्य में
राज्य के आय की वृद्धि होगी।
एनफोर्समेंट को प्रभावी बनाएं
मुख्यमंत्री ने एनफोर्समेंट को प्रभावकारी
बनाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने मानव क्षमता बढ़ाने, नीतिगत फैसले लेने और अवैध कारोबार पर कारगर प्रहार
करने की बात कही। सभी विभाग आपस में समन्वय रखते हुए जानकारी साझा करें, इससे बेहतर परिणाम मिलेंगे। बैठक में वाणिज्यकर 16050 करोड़ रुपये,
उत्पाद 1000 करोड़, परिवहन 1100 करोड़ और निबंधन
700 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य से आगे जाकर अपनी उपलब्धि को हासिल करें। मौके
पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव वित्त सुखदेव
सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री
के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, उत्पाद एवं परिवहन
सचिव राहुल शर्मा, उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव सहित अन्य
अधिकारी उपस्थित थे।
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