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कमी वाले जगहों पर प्राईवेट डॉक्टर को ऑन कॉल डयूटी पर ले


  • आठ जिलों में अगले तीन महीने में ब्लड बैंक
  • इस साल संस्थागत प्रसव 90 प्रतिषत करने का लक्ष्य
  • एएनसी के दौरान मेलेरिया और एडस की भी जांच करें
रांची। प्रधान स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा कि विभाग का लक्ष्य राज्य में मातृत्व मृत्यु दर 208 से घटा कर 165 करना है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर कर काम करने की जरूरत है। भारत का मातृत्व मृत्यु दर वर्तमान में 178 है। राज्य बनने से लेकर अब तक राज्य मे मातृत्व मृत्यु दर मे काफी सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव भी 17 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है। वेे 11 अप्रैल को रांची के होटल चाणक्या बीएनआर में आयोजित  राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम मेें बोल रही थी। उन्होंंने कहा कि विभाग नेे इस वर्ष राज्य में संस्थागत प्रसव 90 प्रतिश्‍ात करने का लक्ष्य रखा है।

श्रीमती खरे ने कहा कि डाक्टर की कमी वाले स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में प्राईवेट या रिटायर डॉक्टर को ऑन कॉल डयूटी के लिए लेंं। राज्य में हर साल 38 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र मेंं हो जाती है। इसके लिए आम लोगो को जागरूक करने की जरूरत है। विभाग का फोक्स है कि 20 साल के बाद ही पहला बच्चा हो, इसके लिए गांव-गांव तक लोगो को सूचना पहुंचाया जाना है।

श्रीमती खरे ने कहा जिन जिलो में ब्लॅड बैंक नही है, वैसे राज्य के 8 जिलो मे अगले तीन महीने में ब्लॅड बैंक खोला जाएगा। इसके लिए अप्रैल माह तक ऑनलाइन सारी कारवाई करने का निर्देश जिलो को दिया गया है। एएनसी चेकअप के दौरान मेलेरिया और एडस की भी जांच स्वास्थ्य केन्द्रों में की जाए। इससे मातृत्व मृत्यु दर मे कमी लायी जा सकेगी।

निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जेपी सिंह ने मातृत्व स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और विभाग मे चल रहे कार्यक्रम की जानकारी दी। हाईट रीबन एलायंस के राज्य प्रमुख संजय कुमार पॉल ने कार्यक्रम के उद्देेेेश्‍य के बारे मेंं बताया। यूनिसेफ की डॉ मधुलिका जोनाथन ने जननी सुरक्षा कार्यक्रम के बारे मे बताया। कार्यक्रम में भाग ले रही सहिया और अन्य प्रतिभागियों ने अपने काम के अनुभव को बताये। मौक पर श्री डॉ सुंमत मिश्रा, डॉ सुरनजन भी उपस्थित थे।

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