महिलाओं को प्राईवेट अस्पताल भेजने वाली सहिया पर होगी कार्रवाई
रांची। प्रधान स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा कि एमडीआर की जांच ससमय होनी चाहिए। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रसव के लिए महिलाओं को प्राईवेट अस्पतालों ले जाने वाली सहियाओं पर भी सख्त कार्रवाई करने निर्देश दिया। उन्होंने परिवार नियोजन कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के लिए इसमें पति-पत्नी, सास-पति आदि को भी शामिल करने का सुझाव दिया। वे मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के तत्वावधान में मातृत्व स्वास्थ्य के अंतर्गत लक्ष्य कार्यक्रम का उन्मुखीकरण कार्यशाला में बोल रही थी।
प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मातृत्व स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमे सुधार के लिए रणनीति के साथ लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्य के सभी लेबर रूम की गुणवता सुधारने और इसमें काम करने वाले कार्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। राज्य के अस्पतालों के प्रति लोंगो का विश्वास बढ़ा है। अब लोग सदर अस्पतालों में प्रसव कराना चाहते हैं, लेकिन हमें और सुधार करने की आवश्यकता है। लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर तथा आईसीयू में सुधार नही करने वाले जिलों पर कार्रवाई होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक कृपा नन्द झा ने कहा कि सभी गर्भवती माताओं का एएनसी समय पर होना चाहिए। पहला एएनसी में देरी के कारण बाकी एएनसी समय पर नही हो पाता है। समय से एएनसी होने पर हम प्रसव पूर्व भी खतरे को चिन्हित कर उसका इलाज कर सकते है। उन्होने बताया कि राज्य में लगभग 83 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहा है। बाकी घर या अन्य जगह पर होने वाले को प्रसव को चिन्हित कर इसे संस्थान पर करवाना होगा।
प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मातृत्व स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमे सुधार के लिए रणनीति के साथ लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्य के सभी लेबर रूम की गुणवता सुधारने और इसमें काम करने वाले कार्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। राज्य के अस्पतालों के प्रति लोंगो का विश्वास बढ़ा है। अब लोग सदर अस्पतालों में प्रसव कराना चाहते हैं, लेकिन हमें और सुधार करने की आवश्यकता है। लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर तथा आईसीयू में सुधार नही करने वाले जिलों पर कार्रवाई होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक कृपा नन्द झा ने कहा कि सभी गर्भवती माताओं का एएनसी समय पर होना चाहिए। पहला एएनसी में देरी के कारण बाकी एएनसी समय पर नही हो पाता है। समय से एएनसी होने पर हम प्रसव पूर्व भी खतरे को चिन्हित कर उसका इलाज कर सकते है। उन्होने बताया कि राज्य में लगभग 83 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहा है। बाकी घर या अन्य जगह पर होने वाले को प्रसव को चिन्हित कर इसे संस्थान पर करवाना होगा।
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