सोशल मीडिया से जेएसएससी की नींद हराम
रांची। सोशल मीडिया का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। इसके फायदे
हैं तो नुकसान भी। कई असामाजिक तत्व इसका लाभ भी अपने फायदे के लिए उठा रहे हैं।
इससे कई बार सामाजिक ताना बाना बिगड़ जाता है। कई बार गलतफहमी से किसी की जान तक चली
जाती है। इसी सोशल मीडिया के कारण झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की नींद हराम है। आयोग के उप सचिव के मुताबिक परीक्षा को बाधित
करने और आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल करने का
प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अभ्यिर्थियों को ऐसे किसी भी सूचना पर ध्यान नहीं
दिए जाने की सलाह दी है।
असामाजिक तत्व-समूहों का काम
सचिव के मुताबिक आयोग द्वारा राज्य के अधीन विभिन्न स्तर
के पदों पर भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। कुछ असामाजिक
तत्व और समूहों द्वारा परीक्षा प्रक्रिया को बाधित और आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल करने
का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए परीक्षा की अवधि के बीच फर्जी प्रश्न पत्र, फर्जी
परीक्षाफल और फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इससे अभ्यर्थियों
के बीच भी संशय उत्पन्न होता है।
ठगी की भी सूचना
आयोग के उप सचिव के अनुसार कभी-कभी यह
भी सूचना मिलती है कि ऐसे तत्व कई बार अभ्यिर्थियों से संपर्क कर उन्हें परीक्षा
पास कराने का दावा करते हैं। उनसे बड़ी राशि ऐंठ लेते हैं। आयोग ने सलाह दी है कि किसी
भी परीक्षा के संदर्भ में सूचना के लिए आयोग की अधिकृत वेब साईट को देखें। सोशल मीडिया
पर भ्रमित करने वाली सूचना पर ध्यान नहीं दें। ऐसे किसी व्यक्ति को अाप जानते हैं
तो उससे स्थानीय पुलिस को अवगत कराएं। आयोग को साक्ष्य के साथ सूचित करें।
पास कराने के लिए पैसा नहीं दें
आयोग के मुताबिक परीक्षाएं पूर्णत: स्वच्छ और पारदर्शी
है। कोई भी व्यक्ति यदि आयोग की परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसा मांगता है
तो उसे नहीं दें। ऐसे व्यक्ति के संबंधि में स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
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