मोदी का अगला पड़ाव पश्चिम एशिया, अबू धाबी में करेंगे हिंदू मंदिर का शिलान्यास
रांची। गणतंत्र दिवस पर दस आसियान राष्ट्राध्यक्षों को बुलाकर दक्षिण-पूर्व एशिया में संबंधों को मजबूती देने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगला पड़ाव पश्चिम एशिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौ फरवरी से पश्चिम एशिया की यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा में वह संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और फिलिस्तीन जाएंगे।कूटनयिक दृष्टि से उनकी यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा क्षेत्र में इस्रइल के साथ बढ़ती भारत की नजदीकियों से अरब जगत में उभर रही उस आशंका पर विराम लगाएगी जिसमें यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की फिलिस्तीन नीति बदल रही है। अपनी इस यात्रा में प्रधानमंत्री अबू धावी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास भी करेंगे। यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में बनने वाला दूसरा मंदिर होगा। अभी दुबई में एक मंदिर है। प्रधानमंत्री 10 फरवरी को मंदिर का शिला पूजन करेगें। 11 फरवरी को प्रधानमंत्री दुबई में भारतीय समुदाय के लोगों से बात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व जब प्रधानमंत्री मोदी अबू धाबी गए थे तब मंदिर के लिए 20 हजार वर्ग फुट जगह का आवंटन किया गया था। प्रधानमंत्री की पूरी कोशिा है कि इस्रइल के साथ ही खाड़ी देशों के साथ संबंधों में मजबूती लायी जाए। इसी के चलते प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात गए थे और उसके बाद 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मदबिन जायदअल नाहयान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। उनकी यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले सत्तर वषों में फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री होगें। मोदी दस फरवरी को फिलिस्तीन के रामल्ला पहुंचेंगे। फिलिस्तीन की यात्रा से मोदी अरब जगत को यह संदेश देने की कोशिश करेगें कि भारत की फिलिस्तीन नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और इस्रइल के साथ भारत के रिश्ते फिलिस्तीन की कीमत पर नहीं है।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा क्षेत्र में इस्रइल के साथ बढ़ती भारत की नजदीकियों से अरब जगत में उभर रही उस आशंका पर विराम लगाएगी जिसमें यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की फिलिस्तीन नीति बदल रही है। अपनी इस यात्रा में प्रधानमंत्री अबू धावी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास भी करेंगे। यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में बनने वाला दूसरा मंदिर होगा। अभी दुबई में एक मंदिर है। प्रधानमंत्री 10 फरवरी को मंदिर का शिला पूजन करेगें। 11 फरवरी को प्रधानमंत्री दुबई में भारतीय समुदाय के लोगों से बात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व जब प्रधानमंत्री मोदी अबू धाबी गए थे तब मंदिर के लिए 20 हजार वर्ग फुट जगह का आवंटन किया गया था। प्रधानमंत्री की पूरी कोशिा है कि इस्रइल के साथ ही खाड़ी देशों के साथ संबंधों में मजबूती लायी जाए। इसी के चलते प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात गए थे और उसके बाद 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मदबिन जायदअल नाहयान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। उनकी यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले सत्तर वषों में फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री होगें। मोदी दस फरवरी को फिलिस्तीन के रामल्ला पहुंचेंगे। फिलिस्तीन की यात्रा से मोदी अरब जगत को यह संदेश देने की कोशिश करेगें कि भारत की फिलिस्तीन नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और इस्रइल के साथ भारत के रिश्ते फिलिस्तीन की कीमत पर नहीं है।

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