Video Of Day

Latest Post

सरकार की साख में कृषि विद्यार्थी हलकान

रांची। सरकार ने घोषणा की। पांच कृषि और संबद्ध कॉलेजों में पढ़ाई इसी सत्र से शुरू होगी। इसे अमली जामा पहना दिया गया। सत्र 2017-18 में नामांकन हो गया। पढ़ाई शुरू हो गई। सरकार की साख रह गई। बोला सो कर दिखाया। अब इसका खामियाजा नामांकन लेने वाले विद्यार्थी भुगत रहे हैं। उनके लिए रहने की बेहतर सुविधा नहीं है। खाने का अच्‍छा इंतजाम नहीं है। अब नामांकन ले लिए हैं तो करें क्‍या। अंतत: दुखी होकर 29 जनवरी को उन्‍होंने कक्षा का बहिष्‍कार कर दिया। पढ़ाई छोड़कर कॉलेज के बाहर आ गए। सुविधा की मांग करने लगे। उनका कहना है कि हॉस्‍टल की जगह उन्‍हें किसान भवन में रखा गया है। वहां जगह नहीं है। उन्‍हें 15 दिनों के लिए यहां ठहराया गया था। छात्राएं देर शाम तक धरना पर बैठी हुई थीं।

इन कॉलेजों में नामांकन
कृषि कॉलेज गढ़वा, रविंद्र नाथ टैगोर कृषि कॉलेज देवघर, तिलका मांझी कृषि कॉलेज गोड्डा, कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्‍नोलॉजी हंसडीहा दुमका और फिशरीज कॉलेज गुमला।
भवन पूरी तरह तैयार नहीं
पांच कृषि कॉलेजों का निर्माण करीब पांच साल पहले शुरू हुआ था। कहा जा रहा है कि भवन पूरी तरह तैयार नहीं है। वहां कई जरूरी सुविधा अभी अधूरी है। सूत्रों का कहना है कि बनने के बाद उसकी देखरेख नहीं हुई। कॉलेजों को पहले पीपीपी मोड पर चलाने की सालों कोशिश हुई। हालांकि कोई तैयार नहीं हुआ। इस बीच बने भवनों की हालत खस्‍ता होने लगी। अब उसे ठीकठाक करने का प्रयास हो रहा है।

ये कहते हैं वीसी
बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ पी कौशल का कहना है कि विद्यार्थियों को एक सत्र यानी एक साल यहां गुजारना है। इसके बाद उन्‍हें संबंधित कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। उनके मुताबिक अस्‍थायी व्‍यवस्‍था होने के कारण थोड़ी दिक्‍कत हो रही है। हालांकि रूम पर्यात हैं। छात्रावास की पूरी सुविधा उपलब्‍ध नहीं हो पायी है। कोशिश हो रही है कि जल्‍द से जल्‍द उन कॉलजों में को पूरा किया जाए। डॉ कौशल ने कहा सत्र 2017-18 से यूजी पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 116  से बढ़ाकर 400 कर दी गई है। जेपीएससी द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। 

No comments