कुरमी महाजुटान पर राहे के गोमदा मोड़ में हुआ कुरमी सम्मेलन
रांची। राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में 29 अप्रैल को कुरमी
महाजुटान होने वाला है। इसमें लोगों की भागीदारी को लेकर राहे के गोमदा मोड़ में कुरमी
सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो
और विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री लालचंद महतो थे। पूर्व सांसद ने कहा कि कुरमी जाति
विशुद्ध रूप से जनजाति है। सरकार के सारे दस्तावेज, तमाम गेजेटिर, झारखंड के आदिवासी लेखक और समाजसेवियों
ने भी कुरमी समाज को जनजातीय माना है। कुरमी जाति को अनुसूचित जनजाति से हटाए जाने
का कोई नोटिफिकेशन नहीं है। आज फिर भी कुरमी समाज अपने अधिकार, हक और पहचान के लिए आंदोलन करने पर विवश है।
पूर्व मंत्री कहा कि झारखंड
का कुरमी समाज अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। कुरमी महाजुटान के प्रवक्ता डॉ
राजाराम महतो ने कहा कि यह कुरमी समाज की अंतिम लड़ाई है। इस लड़ाई को पूरा देश
देखेगा। झारखंड के आंदोलनकारी नेता और समाजसेवी विश्वेश्वर महतो ने कहा कि
शैलेंद्र महतो के नेतृत्व में हम लोगों ने झारखंड आंदोलन की लड़ाई लड़ी थी। अब
उन्हीं के नेतृत्व में समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं। निश्चित रूप से मंजिल प्राप्त
होगी।
सम्मेलन को कुरमी महाजुटान के मीडिया प्रभारी भुवनेश्वर महतो, युवा नेता
धीरज कुमार महतो, महिला
नेत्री सह सांसद प्रतिनिधि रेखा देवी, कार्तिक महतो, राजू महतो, रमेश महतो, अश्विनी कुमार
महतो नंदलाल महतो, मनोज
कुमार सिन्हा, कमला
देवी जगदीश महतो आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विनोद कुमार महतो एवं संचालन चितरंजन महतो ने किया।



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