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घोटाले कारोबारियों और बैंक अधिकारियों की मिली-भगत से ही होती है: गवर्नर

नई दिल्ली। देशभर में बैंकिंग घोटालों को लेकर मचे वबाल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि बैंक क्षेत्र में धोखाधड़ी तथा अनियमितताओं से रिजर्व बैंक में बैठे अच्छाधिकारी भी परेशान हैं, ये घोटाले कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों की मिली-भगत से ही होते हैं जो देश भविष्य पर डाका डालने के समान हैं। उन्होंने कहा, ''यदि हमारे ऊपर पत्थर फेंके जाते हैं और हमें नीलकंठ की तरह विष-पान करना पड़े तो हम इसे अपने कर्तव्य के रूप में स्वीकार करेंगे।

बैंक अधिकारियों की मिली-भगत
दरअसल पिछले कई दिनों से पी.एन.बी. घोटाले को लेकर आर.बी.आई. की आलोचना हो रही थी। इसमें आरबीई की तरफ से कुछ कड़ा कदम न उठाए जाने को लेकर सवाल उठाया जा रहा था। इस पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर जगह पर मौजूद नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि कई कारोबारी हैं, जो बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से देश को लूटने में लगे हुए हैं। इससे देश का नुकसान हो रहा है। पटेल ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को इस स्थ‍िति से बाहर निकालने के लिए हम (आर.बी.आई.) हमेशा तैयार रहेंगे।

क्या है पीएनबी घोटाला
पीएनबी ने फरवरी में सीबीआई को बैंक में 11,400 करोड़ के घोटाले की जानकारी दी थी। बाद में यह घोटाला बढ़कर 13 हजार करोड़ रुपए का हो गया। यह घोटाला मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। 2011 से 2018 के बीच हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिग (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई। इसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी मुख्य आरोपी हैं। वे देश छोड़कर जा चुके हैं।

1 comment:

  1. बैंक घोटाले या फिर कोई भी घोटाला किसी एक व्यक्ति के बूते की बात नहीं है। रेगुलेटर की विफलता तो है ही और इसे स्वीकार करना भी पड़ेगा। अब प्रश्न यह है कि रिज़र्व बैंक अकेला रेगुलेटर नहीं है, यानी अकेला दिशा-निर्देशक नहीं है बैंकिंग जगत में। भारत सरकार का वित्त मंत्रालय और वित्तीय सेवाएं विभाग को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। जिम्मेदारी तय करने की कवायद चलती रहती है लेकिन पिसता तो आम निवेशक है जिसके पैसे डूबते हैं और अंतत: करदाताओं, निवेशकों के पैसे से बेल आउट करके सरकार लीपापोती का खेल खेलती रहती है, दूसरी तरफ घोटालेबाज विधि-व्यवथा को ठेंगा दिखाकर चांदी काटते रहते हैं।

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