राजनीति अलख जगाने साईकिल से देश भ्रमण पर निकले युवा
रांची। आजादी मिले वर्षों बीत गए। हालांकि आज भी काफी लोग हाशिए पर रहे हैं। झारखंड
की राजधानी रांची के दो लॉ ग्रेजुएट ने उनमें राजनीति अलख जगाने की ठानी है। राजनीति
में भागीदारी सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है। इनके नाम हैं योगेंद्र यादव और
कुणाल पटेल। इसी ध्येय से उन्होंने साईकिल से पूरे देश का भ्रमण करने की ठानी है।
यात्रा की शुरुआत 21 मार्च को रांची के लालपुर स्थित पटेल भवन से की। समारोह में
दर्जनों लोग और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रांची के विद्यार्थियों ने उन्हें शुभकामनाओं
के साथ रवाना किया।
यात्रा के पहले चरण में रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, गया, वाराणसी, कानपुर होते हुए वे नई
दिल्ली जाएंगे। उसके बाद मुंबई, बेंगलुरू होते हुए
कन्याकुमारी तक जाएंगे। इस दौरान करीब 800 से भी अधिक शहर-कस्बों और दस हजार से भी
अधिक गांवों से गुजरेंगे। जगह-जगह लोगों से मिलेंगे। राजनीति में हाशिए के लोगों
की हिस्सेदारी तय करने पर चर्चा करेंगे।
योगेंद्र बीपीएल परिवार से आते हैं। पितीज
के ही रहनेवाले योगेंद्र के पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। मां जमीन के छोटे से
टुकड़े में खेती करती हैं। कुणाल रांची के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
उसके पिता जवाहर लाल पटेल हैं। कुणाल ने अखिल भारतीय स्तर पर होनेवाली क्लैट की
परीक्षा पास करने के बाद नेशनल लॉ यूनवर्सिटी रांची से पांच वर्षीय पाठ्यक्रम की
पढ़ाई की है। योगेंद्र ने झारखंड हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस और कुणाल ने लॉ
फर्म हम्मूराबी एंड सोलोमन की नौकरी छोड़कर यह काम करने का फैसला किया है। उनका कहना
है कि यात्रा से उन्हें पूरे देश की सामाजिक,
राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति से अवगत होने का मौका मिलेगा। साथ
ही, लोगों से विचारों की
साझेदारी से हमारी मुहिम को बल मिलने की उम्मीद है।
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