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भारत के साथ सीमा वार्ता के लिए वांग यी प्रमुख वार्ताकार नियुक्त

बीजिंगचीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को स्टेट काउंसलर के रूप में पदोन्नति के बाद भारत- चीन सीमा वार्ता में एक विशेष प्रतिनिधि की भूमिका निभा सकते हैं। भारत के लिहाज से उनकी नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण है। वांग(65) विदेश मंत्रालय के प्रमुख के पद पर भी बने रहेंगे। वह हाल के वर्षों में एक साथ दोनों पदों पर बने रहने वाले पहले चीनी अधिकारी हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री के पद के लिए वांग के नाम का समर्थन किया गया। चीनी प्रधानमंत्री ली क्ंिवग ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगुआई वाली सरकार में अगले पांच साल तक विभिन्न पदों के प्रमुख अधिकारियों के नामों की घोषणा की, जिसमें वांग का नाम भी शामिल था। चीन के सत्ता पदानुक्रम में स्टेट काउंसलर का पद विदेश मंत्री के पद से ऊपर और शीर्ष राजनयिक पद माना जाता है। स्टेट काउंसलर पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी( सीपीसी) की नीतियों को लागू कराने की जिम्मेदारी रहती है।

वांग ने यांग जिइची(67) का स्थान लिया है जो पिछले साल पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने आज मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि यह इंतजार करना है और देखना है कि क्या वांग भारत- चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा,‘‘ विशेष प्रतिनिधि कौन होगा, हमें इंतजार करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि विशेष प्रतिनिधि तंत्र‘‘ सीमा मुद्दे पर विचारों के आदान- प्रदान के लिए एक उच्च स्तरीय चैनल है। यह दोनों पक्षों के बीच विचारों के आदान- प्रदान के लिए भी एक उच्च स्तरीय तंत्र है। चीन इसे बहुत महत्व देता है।’’

उल्लेखनीय है कि डोकलाम गतिरोध के दौरान वांग ने दावा किया था कि भारत ने चीनी सीमा में प्रवेश किया जाना‘‘ स्वीकार’’ किया है। उन्होंने कहा था कि इस गतिरोध का समाधान सिक्किम सेक्टर में डोकलाम क्षेत्र से अपने सैनिकों को‘‘ ईमानदारी के साथ वापस बुलाना’’ है। यांग जिइची के बारे में पूछे जाने पर हुआ ने कहा कि पोलित ब्यूरो का सदस्य बनने के बाद यांग‘‘ चीनी कूटनीति में भूमिका निभाते रहेंगे।

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