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बीएयू कुलपति कीे राज्यपाल से गुहार, कर्मचारियों से मनुहार

  • बेमियादी हड़ताल पर पुनर्विचार की अपील की 
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविन्दर कौशल ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मूर्मू से मुलाकात की। कुलपति ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय के शिक्षा, शोध और विस्तार के गतिविधियों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय कर्मचारियों की लंबित मांगें और विश्वविद्यालय स्तर से लागू नहीं होने के कारण उनके समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उनसे समस्याओं के निराकरण की गुहार लगाई।

वीसी ने बताया की विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मियों को अब तक सप्तम पुनरीक्षित वेतन का लाभ नहीं मिला है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए  जनवरी 2016 के प्रभाव से संकल्प जारी कर लाभ दिया जा रहा है। छठा पुनरीक्षित वेतन विश्वविद्यालय में राज्य सरकार के अनुरूप लागू होने के बावजूद एसीपी/एमएसीपी योजना का लाभ देने पर सरकार के स्तर से रोक लगा दी गई है।
कुलपति‍ डॉ पी कौशल

कुलपति ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि इस विषय पर राज्य के कृषि विभाग से विमर्श कर मांगों को अविलंब अनुमोदन देने का निर्देश दिया जाय। कुलाधिपति ने इस विषय पर राज्य सरकार के संबंधित विभाग को यथाशीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश देने का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिएि किये गये प्रयासों और पांच नये कॉलेज के छात्रों को उन महाविद्यालयों के परिसर में शिफ्ट करने संबंधी प्रगति की जानकारी ली।

मांगें पूरी नहीं किये जाने को लेकर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को 04 मई से बेमियादी हड़ताल का नोटिस दिया है। डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लंबित समस्याओं के बारे में राज्य सरकार से कार्रवाई का अनुरोध बार-बार किया जाता रहा है। कर्मचारियों की सभी लंबित समस्याएं/मुद्दों का निदान राज्य सरकार के स्तर पर किया जाना है और विचाराधीन है। कुलपति ने कर्मचारियों से अपील की है कि कुलाधिपति सह राज्यपाल से उनकी मांगों के संबंध में कार्रवाई का आश्वासन मिला है। इसके बाद बेमियादी हड़ताल का कोई औचित्य नहीं बनता। कर्मचारी संघ हड़ताल पर पुर्नविचार करें। इस हड़ताल से विश्वविद्यालय में शिक्षा, शोध एवं विस्तार के सशक्तिकरण प्रभावित होगा। 

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