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जैक नहीं, यूनिवर्सिटी देगी आलिम-फाजिल की डिग्री

रांचीआलिम (यूजी) और फाजिल (पीजी) में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। अब इनकी परीक्षा झारखंड एकेडमिक कांउसिल (जैक) की जगह राज्य के विश्वविद्यालयों में होगी। सरकार ने अारयू प्रशासन को इसके लिए सिलेबस और एग्जाम रेगुलेशन बनाने की जिम्मेवारी सौंपी है। गुरुवार को आरयू की प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार की अध्यक्षता वाली हाइलेबल कमेटी की बैठक हुई। सिलेबस को हिंदी में ट्रांसलेट करने पर सहमति बनी, ताकि उर्दू के जानकारों के साथ दूसरे शिक्षक भी आसानी से समझ सकें। सिलेबस को सीबीसीएस के अनुसार आकार दिया जाना है। बैठक में प्रोवीसी के अलावा डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा, ह्यूमिनिटी डीन डॉ. वीवीएन पांडेय, पीजी उर्दू डिपार्टमेंट की वरीय शिक्षक डॉ. कहकशां परवीन आदि मौजूद थे।

क्या है मामला
राज्य में काफी दिनों से जैक स्तर से आलिम-फाजिल की परीक्षा लिए जाने पर रोक की मांग उठ रही थी। मदरसा में 8वीं कक्षा से लेकर एमए तक की परीक्षा जैक द्वारा ली जाती है, लेकिन रेगुलेशन के अनुसार जैक को इंटर स्तर तक की परीक्षा ही लेने का अधिकार है। ऐसे में स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री जैक द्वारा नहीं दी जा सकती है। आलिम व फाजिल की डिग्री विश्वविद्यालय स्तर से ही दी जा सकती है।

विधानसभा में उठ चुका है मामला
जैक द्वारा आलिम-फाजिल की डिग्री दिए जाने का मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। विधायकों ने इसमें सुधार की मांग करते कहा था कि आलिम व फाजिल की पढ़ाई विश्वविद्यालय स्तर की है। इसकी परीक्षा जैक द्वारा लिए जाने से दूसरे राज्यों में इसकी डिग्री मान्य नहीं है। इस कारण विद्यार्थी न तो दूसरे राज्यों में नामांकन ले पाते थे, न ही पढ़ पाते थे। इतना ही नहीं, स्नातक और पीजी स्तर की नौकरी के लिए आवेदन जमा करने में भी मुश्किलें पेश आती हैं।

परीक्षा प्रोग्राम में संशोधन के चलते 200 छात्रों की छूटी परीक्षा, दिया धरना
आरयू में स्नातक फाइनल इयर की परीक्षा चल रही है। विवि के परीक्षा विभाग ने एग्जाम प्रोग्राम में संशोधन किया गया था। लेकिन, जानकारी नहीं मिलने के कारण लगभग 200 स्टूडेंट्स की परीक्षा छूट गई है। परीक्षा से वंचित स्टूडेंट्स गुरुवार को छात्र आजसू के बैनर तले विवि मुख्यालय में अपनी समस्या बताने पहुंचे। लेकिन, उस समय वीसी, प्रोवीसी और परीक्षा नियंत्रक नहीं थे। इससे आक्रोशित छात्र परीक्षा विभाग के मुख्य द्वार में तालाबंदी कर वहीं धरना पर बैठ गए। इस दौरान छात्र आजसू के ओम वर्मा ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। मांग रखी कि परीक्षा प्रोग्राम में संशोधन के कारण जिन छात्रों की परीक्षा छूटी है, उनकी पुनर्परीक्षा हो।

वीसी बोले- ली जाएगी पुनर्परीक्षा
45 मिनट बाद वीसी डॉ. रमेश पांडेय मुख्यालय में पहुंचे। छात्रों की समस्या सुनने के बाद कहा कि परीक्षा विभाग की गलती के कारण छात्रों की परीक्षा छूटी है, ऐसे में पुनर्परीक्षा ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि जिनकी परीक्षा छूटी है, उनकी पुनर्परीक्षा होगी। इससे पहले छात्रों ने वीसी से कहा कि स्नातक थर्ड पार्ट परीक्षा के प्रोग्राम में पहले ही तीन बार संशोधन किया जा चुका है। वहीं परीक्षा शुरू होने के बाद एक बार फिर संशोधन किया गया। इसमें 26 अप्रैल की परीक्षा 24 अप्रैल कर दी गई थी।

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