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राज्यभर में पेट्रोल-डीजल की हो सकती है भारी किल्लत

रांची। पेट्रोल-डीजल ढोनेवाले टैंकरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से राज्य में पेट्रोल और डीजल की किल्लत हो सकती है। इंडियन ऑयल के जसीडीह टर्मिनल में 22 अप्रैल से शुरू हुई हड़ताल के बाद मंगलवार से खूंटी टर्मिनल के टैंकर भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। हड़ताल की वजह से धीरे-धीरे पेट्रोल-डीजल सप्लाई प्रभावित होने लगी है क्योंकि रांची और आसपास के इलाकों में खूंटी टर्मिनल से ही तेल सप्लाई होती है।

टैंकर एसोसिएशन का कहना है कि इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन के अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण मामला तूल पकड़ चुका है। मामला झारखंड उच्च न्यायालय में चल रहा है और अगली सुनवाई 3 मई को होनी है। इधर, एसोसिएशन का कहना है कि मामला कोर्ट में लंबित है, इसलिए अगली सुनवाई तक कोई कदम न उठाया जाए। लेकिन, इंडियन ऑयल कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।

मामला इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन के जसीडीह टर्मिनल से जुड़ा है। वर्ष 2013-16 के टेंडर में टैंकरों को तेल ढोने के लिए जो रेट मिला था, वह 3.61 पैसा प्रति किलोलीटर प्रति किलोमीटर था। महीने में एक टैंकर को 2500 किलोमीटर चलने की गारंटी दी गई थी, किंतु आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी मिली कि एक टैंकर 1900 किलोमीटर से अधिक नहीं चल पाता है। इसके बाद पिछले माह टेंडर में परिचालन का रेट घटाकर 2.10 रुपए कर दिया गया। परिवहन की सीमा भी 2500 किलोमीटर से बढ़ाकर 4500 किलोमीटर प्रति माह कर दी गई।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह के अनुसार, कॉर्पोरेशन ने रेट बढ़ाने के बजाए रेट कम कर दिया, जबकि हर चीज महंगी हो गई है। ऐसी स्थिति में टैंकर मालिकों को घर से पैसा लगाना पड़ेगा। जब अभी टैंकर 1900 किमी से अधिक नहीं चल पाता है, तो 4500 किमी कैसे चल पाएगा। जसीडीह टर्मिनल में 450 टैंकर चलते हैं। जबकि वहीं से भेजे गए 150 टैंकर खूंटी टर्मिनल में चल रहे थे, जो हड़ताल पर चले गए हैं।

 मुख्य वजह
  • पहले ढुलाई रेट 3.61 पैसा प्रति किलोलीटर प्रति किमी था, जिसे घटाकर 2.10 रुपए किया गया था, उसी का कर रहे हैं विरोध।
  •  इंडियन ऑयल के जसीडीह टर्मिनल में 22 अप्रैल से शुरू हुई है हड़ताल।
  • राज्य में 70 प्रतिशत पंप इंडियन ऑयल के हैं, ये बंद हुए तो खड़ी होंगी मुश्किलें।
  • अकेले भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम आपूर्ति का भार सहन नहीं कर पाएगा।
खूंटी टर्मिनल से लोकल ट्रांसपोर्टरों के 50 टैंकर से अभी हो रही थी आपूर्ति
खूंटी टर्मिनल से कुछ डीलरों के और रांची के कुछ लोकल ट्रांसपोर्टरों के 50 टैंकर चलाए जा रहे हैं। इनसे ही रांची और इसके आसपास के पंपों में तेल सप्लाई की जा रही थी। हालांकि वह भी पर्याप्त नहीं है। हड़ताल के कारण ज्यादा बिक्री वाले पेट्रोल पंप ड्राई होते जा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को तेल मिलने में परेशानी हो रही है। जसीडीह टर्मिनल पूरी तरह से ठप है। राज्य के 70 प्रतिशत पंप इंडियन ऑयल के हैं। अगर यह ड्राई हो गए तो सारा भार भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पंपों पर पड़ जाएगा।

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