झारक्राफ्ट सीईओ ने दिया इस्तीफा
रांची। झारक्राफ्ट के कंबल घोटाला ने नया मोड़ ले लिया है। सीईओ
रेणु गोपीनाथ पणिक्कर ने एमडी मंजूनाथ भजंत्री को अपना इस्तीफा दे दिया है।
इसकी कॉपी उन्होंने सीएम के प्रधान सचिव सह उद्योग सचिव सुनीील कुमार
वर्णवाल से मिलकर सौंपा है।
रेणु ने कहा कि सारा खेल कंबल बुनकरों को 4.5 करोड़ रुपए के बकाए भुगतान में कमीशन का है। तत्कालीन एमडी रवि कुमार बिना कमीशन लिए भुगतान नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इसे घोटाले का रंग दे दिया। कुछ अफसर हैं, जिनकी कमाई बंद हो गई है। वे नहीं चाहते कि राज्य के बुनकरों का भला हो। वे साजिश रच कर सीएम को नीचा दिखाना चाहते हैं।
सीएम चाहते हैं कि सरकारी स्तर पर स्कूल ड्रेस, कंबल, बेडशीट, साड़ी की खरीद स्थानीय बुनकरों से हो। इसके लिए वे झारक्राफ्ट से 250 करोड़ का काम करवाना चाहते थे। पर, राज्य के अफसर नहीं चाहते कि बुनकरों व अल्पसंख्यकों के बीच सीएम की छवि बेहतर हो। इसलिए वे कदम-कदम पर व्यवधान डालते रहें। इसके पीछे बड़ा कारण कमीशनखोरी है।
कमीशन के लिए ही झारक्राफ्ट को न देकर मफतलाल को दे दिया 1.5 लाख साड़ी का ऑर्डर
रेणु ने कहा कि सीएम की घोषणा के अनुरुप समाज कल्याण विभाग से 1.5 लाख पीस साड़ी का ऑर्डर झारक्राफ्ट को मिलना था। अफसरों ने कमीशन के लिए यह ऑर्डर झारक्राफ्ट को न देकर निजी कंपनी मफतलाल को दिया। यह काम झारक्राफ्ट को मिला होता, तो इससे राज्य के बुनकरों का भला होता, पर सीएम की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
मेरी गलती मिले तो मुझे होटवार जेल भेज दें : रेणु
रेणु ने कहा कि मैं अफसरों को चैलेंज करती हूं, कि मेरे ऊपर कंबल घोटाले में एफआईआर करें। मुझे होटवार जेल में भेज दें। लेकिन पहले मेरे ऊपर आरोप तो सिद्ध करें।
मैं सरकार को अपना जवाब दूंगा : के. रवि
उद्योग निदेशक सह झारक्राफ्ट के पूर्व एमडी रवि कुमार ने कहा कि सीईओ रेणु पणिक्कर ने जो भी आरोप मुझपर लगाया है, इसपर सरकार मुझसे पूछेगी तो मैं सरकार को अपना जवाब दे दूंगा।
कंबल बना नहीं, तो बंटा क्या
रेणु ने दावा की है कि सारा कंबल झारखंड में ही बना है। मैं एक-एक सबूत देने को तैयार हूं। पिछले एक साल से राज्य की 63 सहकारी समितियों में शामिल 10000 से ज्यादा बुनकर दिन-रात काम में लग कर कंबल तैयार किए थे। अब जब उनको भुगतान करने का मौका आया, तो कमीशन के फेर में तत्कालीन एमडी रवि कुमार ने भुगतान रोक कर घोटाले का झूठा आरोप मढ़ दिया।रेणु ने सवालिया लहजे में कहा कि कंबल यहां बना ही नहीं, तो 24 जिलों के डीसी ने क्या बांटा, क्या वे सब चोर हैं। जेल में जो कंबल बनें, क्या वहां का जेलर चोर है। क्या इन सबको झारक्राफ्ट की सीईओ ने खरीद लिया था।
रेणु ने कहा कि सारा खेल कंबल बुनकरों को 4.5 करोड़ रुपए के बकाए भुगतान में कमीशन का है। तत्कालीन एमडी रवि कुमार बिना कमीशन लिए भुगतान नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इसे घोटाले का रंग दे दिया। कुछ अफसर हैं, जिनकी कमाई बंद हो गई है। वे नहीं चाहते कि राज्य के बुनकरों का भला हो। वे साजिश रच कर सीएम को नीचा दिखाना चाहते हैं।
सीएम चाहते हैं कि सरकारी स्तर पर स्कूल ड्रेस, कंबल, बेडशीट, साड़ी की खरीद स्थानीय बुनकरों से हो। इसके लिए वे झारक्राफ्ट से 250 करोड़ का काम करवाना चाहते थे। पर, राज्य के अफसर नहीं चाहते कि बुनकरों व अल्पसंख्यकों के बीच सीएम की छवि बेहतर हो। इसलिए वे कदम-कदम पर व्यवधान डालते रहें। इसके पीछे बड़ा कारण कमीशनखोरी है।
कमीशन के लिए ही झारक्राफ्ट को न देकर मफतलाल को दे दिया 1.5 लाख साड़ी का ऑर्डर
रेणु ने कहा कि सीएम की घोषणा के अनुरुप समाज कल्याण विभाग से 1.5 लाख पीस साड़ी का ऑर्डर झारक्राफ्ट को मिलना था। अफसरों ने कमीशन के लिए यह ऑर्डर झारक्राफ्ट को न देकर निजी कंपनी मफतलाल को दिया। यह काम झारक्राफ्ट को मिला होता, तो इससे राज्य के बुनकरों का भला होता, पर सीएम की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
मेरी गलती मिले तो मुझे होटवार जेल भेज दें : रेणु
रेणु ने कहा कि मैं अफसरों को चैलेंज करती हूं, कि मेरे ऊपर कंबल घोटाले में एफआईआर करें। मुझे होटवार जेल में भेज दें। लेकिन पहले मेरे ऊपर आरोप तो सिद्ध करें।
मैं सरकार को अपना जवाब दूंगा : के. रवि
उद्योग निदेशक सह झारक्राफ्ट के पूर्व एमडी रवि कुमार ने कहा कि सीईओ रेणु पणिक्कर ने जो भी आरोप मुझपर लगाया है, इसपर सरकार मुझसे पूछेगी तो मैं सरकार को अपना जवाब दे दूंगा।
कंबल बना नहीं, तो बंटा क्या
रेणु ने दावा की है कि सारा कंबल झारखंड में ही बना है। मैं एक-एक सबूत देने को तैयार हूं। पिछले एक साल से राज्य की 63 सहकारी समितियों में शामिल 10000 से ज्यादा बुनकर दिन-रात काम में लग कर कंबल तैयार किए थे। अब जब उनको भुगतान करने का मौका आया, तो कमीशन के फेर में तत्कालीन एमडी रवि कुमार ने भुगतान रोक कर घोटाले का झूठा आरोप मढ़ दिया।रेणु ने सवालिया लहजे में कहा कि कंबल यहां बना ही नहीं, तो 24 जिलों के डीसी ने क्या बांटा, क्या वे सब चोर हैं। जेल में जो कंबल बनें, क्या वहां का जेलर चोर है। क्या इन सबको झारक्राफ्ट की सीईओ ने खरीद लिया था।
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