राजीव गांधी-डेंग की तरह ही महत्वपूर्ण है मोदी-शी की बैठक
बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच
वुहान शिखर बैठक को चीन का मीडिया 1988 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
राजीव गांधी तथा चीन के तत्कालीन नेता डेंग शियाओपिंग की बैठक जैसा ही
महत्वपूर्ण मान रहा है। शी और मोदी की मध्य चीन के वुहान शहर में 27-28
अप्रैल को अनौपचारिक शिखर बैठक हो रही है। इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों
को सुधारने तथा आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। समझा जाता है
कि इस बैठक में दोनों नेता हालिया विवादों और मतभेदों की वजह से द्विपक्षीय
संबंधों में आए गतिरोध को दूर करने का प्रयास करेंगे।
यह बैठक 1988 की डेंग शियाओपिंग और राजीव गांधी के बीच हुई बैठक जितनी ही महत्वपूर्ण होगी। इससे आगे के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होगी। एक अन्य आधिकारिक अखबार चाइना डेली का कहना है कि यह देखना होगा कि मोदी-शी शिखर बैठक 1988 की राजीव-डेंग बैठक की तरह उम्मीदों को पूरा कर पाती है या नहीं। राजीव-डेंग शिखर बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी विवादों को पीछे छोड़ने की सहमति दी थी। हालांकि, अखबार ने इसके साथ ही लिखा है कि इसे कहना जितना आसान है करना उतना ही मुश्किल।
यह बैठक 1988 की डेंग शियाओपिंग और राजीव गांधी के बीच हुई बैठक जितनी ही महत्वपूर्ण होगी। इससे आगे के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होगी। एक अन्य आधिकारिक अखबार चाइना डेली का कहना है कि यह देखना होगा कि मोदी-शी शिखर बैठक 1988 की राजीव-डेंग बैठक की तरह उम्मीदों को पूरा कर पाती है या नहीं। राजीव-डेंग शिखर बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी विवादों को पीछे छोड़ने की सहमति दी थी। हालांकि, अखबार ने इसके साथ ही लिखा है कि इसे कहना जितना आसान है करना उतना ही मुश्किल।
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