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कोर्स पूरा होने और अनिवार्य सेवा अवधि तक जमा रहेगा मूल प्रमाण पत्र


  • स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने जारी किया मेडिकल कोर्स संबंधी संकल्‍प
रांची। मेडिकल का कोर्स पूरा होने और अनिवार्य सेवा अवधि तक विद्यार्थी/डॉक्‍टरों का मूल प्रमाण पत्र कॉलेज में जमा रहेंगे। सेवा अवधि पूरी करने या बांड की राशि जमा करने पर ही उन्‍हें यह लौटाया जाएगा। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने मेडिकल कोर्स संबंधी संकल्‍प जारी कर दिया है। यह तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गया है। पीजी करने के छह महीने के अंदर राज्‍य सरकार के सेवा देने में विफल रहने पर बांड स्‍वत: समाप्‍त माना जाएगा। इस प्रस्‍ताव को कैबिनेट ने 18 अप्रैल को मंजूरी दी थी। इसकी सूचना एजी, वित्‍त विभाग, मुख्‍यमंत्री, मंत्री, सभी कॉलेजों के प्राचार्य, अधीक्षक, प्रमंडलीय आयुक्‍त, डीसी को भी भेज दी गई है।

नए विद्यार्थियों से बांड कॉलेज लेगा
संकल्‍प में कहा गया है कि नए विद्यार्थियों से नामांकन के वक्‍त ही बांड (बंध पत्र) मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ले लेंगे। वर्तमान में पढ़ रहे विद्यार्थियों से भी बांड भरवाना वही सुनिश्चित करेंगे। बांड भराने के बाद ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति/मानदेय भुगतान करेंगे। बांड के साथ विद्यार्थियों से उनके पीजी पाठ्यक्रम एमबीबीएस/बीडीएस से संबंधित और यूजी पाठ्यक्रम के लिए आईएससी का अंक पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि संबंधित मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल में सुरक्षित रखे जाएंगे। पीजी पास होने के बाद एमबीबीएस से संबंधित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्‍त पीजी से संबंधित अंक पत्र, प्रमाण पत्र आदि भी तीन वर्षों की अनिवार्य सेवा अवधि तक के लिए संबंधित मेडिकल कॉलेज में रखे जाएंगे। तीन वर्षों की अवधि पूरी करनेके बाद या बीच में जाने पर तय राशि जमा करने के बाद ही कॉलेज उन्‍हें प्रमाण पत्र वापस करेंगे।

एक शैक्षणिक सत्र से होंगे वंचित
ऑल इंडिया कोटा या स्‍टेट कोटा के सीटों के विरुद्ध यूजी/पीजी कोर्स में नामांकन के लिए अंतिम काउंसिलिंग के बाद आवंटित सीटों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। फाईनल काउंसिलिंग के बाद किसी विद्यार्थी के नामांकन नहीं लेने पर झारखंड में उक्‍त कोर्स के लिए होने वाली परीक्षा में अगले एक शैक्षणिक सत्र के लिए उसे वंचित कर दिया जाएगा।
ये है संकल्‍प

एकमुश्‍त पैसे देना होगा
राज्‍य के सभी मेडिकल कॉलेजों में यूजी (एमबीबीएस/बीडीएस) में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों से बांड लिया जाएगा। इसके तहत चुने जाने के बाद नामांकन नहीं लेने, बीच में कोर्स छोड़ने पर उनसे 20 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। साथ ही, इस अवधि में छात्रवृत्ति और अन्‍य भत्‍ते के रूप में मिली सभी राशि एकमुश्‍त वापस करनी होगी।

पीजी में यह व्‍यवस्‍था
राज्‍य के सभी मेडिकल महाविद्यालयों में पीजी कोर्स (मेडिकल/एमडीएस) में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों से चुने जाने के बाद नामांकन नहीं लेने पर 30 लाख की वसूली होगी। यह बांड उन्‍हें भरना होगा। एडमिशन के बाद बीच में कोर्स छोड़ने पर उनसे 30 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। इस दौरान मिली छात्रवृत्ति और अन्‍य भत्‍ते की राशि एकमुश्‍त वापस करनी होगी।

तीन वर्षों की बाध्‍यता
पीजी कोर्स (मेडिकल/एमडीएस) पास करने के बाद तीन साल तक आवश्‍यक सेवा राजय सरकार के अधीन करना होगा। कोर्स के दौरान ही विद्यार्थियों से यह बांड लिया जाएगा। सेवा नहीं देनेपर उनसे 30 लाख रुपये की वसूली होगी। इस अवधि में मिली छात्रवृत्ति और अन्‍य भत्‍ते के  रूप में मिली सभी राशि एकमुश्‍त वापस करनी होगी।

इसलिए लागू हुई व्‍यवस्‍था
स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस/पीजी कोर्स में एडमिशन लेने के बाद कई विद्यार्थी कोर्स बीच में छोड़कर चले जाते हैं। इससे उन विषयों की सीटें खाली रह जाती है। इसके मद्देनजर नई व्‍यवस्‍था लागू की गई है।

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