इस शो रूम में बिना पैसे मिलतेे हैंं समान
रांची। देश भर में किसी भी शो रूम में जाएं।
पसंदीदा कपड़ा, खाद्य सामग्री आदि लें। निकलने पर पेमेंट करना
अनिवार्य होगा। बिना पेमेंट किए सामन ले जाने की इजाजत नहीं होगी। बिना पैसा दिए सामग्री
ले जाने पर दुर्गति झेलनी होगा। इस शो रूम में ऐसा नहीं हैं। यहां लोग आते हैं। सामान
पसंद करते हैं। लेते हैं और चले जाते हैं। पेमेंट करने की जरूरत नहीं। कोई रोकने और
टोकने वाला भी नहीं है। यह शो रूम झारखंड के गढ़वा जिले के कचहरी रोड में है। इसके
संचालक हैं शौकत खान। अलका बजाज शो रूम के प्रोपराईटर। स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड
एंबेसडर।
चार बैंकों के संचालक
श्री शौकत नि:शुल्क सत्तू बैंक, नि:शुल्क चावल बैंक और नि:शुल्क पुस्तक बैंक भी
चलाते हैं। बैंक के जरिये लाखों लोगों की सेवा कर चुके हैं। वह बताते हैं कि उनका
संयुक्त परिवार है। कपड़े घर में अधिक निकलते हैं। उन्हें लगा कि यह गरीबों के काम
आ सकता है। उनकी इसी सोच से कपड़ा बैंक की नींव दो साल पहले पड़ी। उन्होंने इसे झारखंड
के पहले शौर्य चक्र विजेता शहीद आशिष तिवारी को समर्पित किया। वह बताते हैं कि गरीबों
से मिले प्यार से बैंक चलता ही जा रहा है। अब तक एक लाख से अधिक गरीबों को कपड़े बांट
चुके हैं। आम लोगों से मिलने वाले कपड़े को वह पहले मशीन में साफ कराते हैं। आयरन कराकर
तब उसे अपने शो रूम में रखते हैं।
चावल और पाठ्य पुस्तक
चावल बैंक की शुरुआत बीते बरसात में की
थी। उनके मुताबिक इस मौसम में गरीबों को काम नहीं मिलता है। घर चलाना मुश्किल होता
है। ऐसे में उन्हें लगा कि चावल देकर वह उन्हें सहायता कर सकते हैं। बड़ों को दो
किलोग्राम और छोटे को एक किलोग्राम चावल इस बैंक से मिलता है। यह भी लगातार चल रहा
है। नि:शुल्क पुस्तक बैंक से पांच कक्षा तक के बच्चों को स्कूल की हर सामग्री दी
जाती है। इसमें बैग, पेन, पेंसिल, जूता-मोजा, ड्रेस
आदि शामिल हैं। उनका मानना है कि कई बच्चों पाठ्य-सामग्री नहीं होने के कारण पढ़ाई
नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उनकी ओर से यह छोटा सा सहयोग है।
सत्तू बैंक का सीजन 2
गरीबों का निशुल्क सत्तू बैंक, सीजन 2 की शुरुआत उन्होंने शनिवार को है। वे
बताते हैं कि इसके शुरू होने से पहले ही दानदाताओं से सहयोग मिलने लगा था। एनएस
इस्माइल गारमेंटस के प्रोपराइटर दाउद अंसारी ने 10 किलो के सत्तू का बैग, 25 किलो प्याज, 10
पैकेट चाट मसाला, 5 किलो नमक और 50 पीस नीबू डोनेट किया। पिछले
वर्ष 51 दिनों में 18,000 हजार गरीबों और राहगीरों को सत्तू
का जूस पिलाया था।
नि:शुल्क सेवा का संकल्प
श्री खान ने गरीबों की नि:शुल्क सेवा का
संकल्प लिया है। वे कहते हैं कि आजीवन राजनीति में जाउंगा। कोई एनजीओ नहीं बनाउंगा।
आम जनों के सहयोग से गरीबों की सेवा करता रहूंगा। इन बैंकों के संचालन में उनका 15
से 20 हजार रुपये का खर्च आता है। उसे अपनी जेब से लगाते हैं। श्री खान कहते हैं कि
कोई नेक काम करने के लिए संगठन बनाने की जरूरत नहीं है। अकेला व्यक्ति भी यह कर सकता
है। हौसला रखना चाहिए। ऊपर वाला मदद करता है। जिले के प्रधान सत्र न्यायाधीश पंकज
श्रीवास्तव, एसपी मो अर्सी, एसडीएम
प्रदीप कुमार अपने हाथों से बैंक में गरीबों को कपड़े और अन्य सामग्री बांट चुके
हैं।
चर्चा ए आम हो गया
श्री शौकत का यह काम चर्चा ए आम हो गया
है। देश के कई राज्यों से लोग उनसे मिलने और उनके बैंक को देखने आते हैं। सउदी अरब
और इंडोनेशिया से भी लोग आ चुके हैं। इस नेक काम में जिला प्रशासन भी सहयोग करता है।
इसके अलावा कई अन्य लोग गरीबों के सहायता के लिए सहयोग कर रहे हैं। वह पैसा नहीं लेते
हैं। बैंक में समान स्वीकार करते हैं।
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