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लावारिस लाशों को मिल गई मुक्ति


रांची। मुक्ति संस्था ने रांची के रिम्स में रखे 35 लावारिस लाखों को मुक्ति दी। संस्‍था ने रविवारको विधि विधान से जुमार तट पर लाशों का अंतिम संस्कार किया। सुबह 8 बजे मुक्ति संस्था के सदस्य रिम्स के शीत शव गृह में शवो की पैकिंग करने पहुंचे। एक-एक कर सभी शवों को बाहर निकाल के मुंह में तुलसी पत्ता और सर के नीचे कपूर दे कर पैक किया। उधर जुमार नदी तट पर कुछ सदस्य लकड़ियों को सजाने के काम में जुट थे। पिछले संस्‍कारों में लकड़ियां गीली होने की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। रिम्स में भी कुछ मशीनें खराब होने की वजह से शवों की स्थिति दयनीय हो चुकी थी। बड़ी मुश्किल से सभी को पैक कर जुमार के तट पर लाया गया।

नगर निगम ने लकड़ियां, किरासन तेल और पानी का टैंकर भिजवा दिया था। तीन ट्रेक्टर में सभी शवों को लाया गया। फिर चंदन, पुष्प, घी, गंगाजल अर्पित कर अंतिम अरदास परमजीत टिंकू ने किया। फिर मशाल जलाई गई और संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने सामूहिक चिता को मुखाग्नि दी। इसके बाद सभी सदस्य टेंट में एक साथ बैठ कर कीर्तन भजन करने लगे। देखते ही देखते कर चिता जलने लगी। अंतिम विदाई दी गयी।
संस्‍कार में अमित किशोर, रवि शंकर राजा, मोती सिंह, नवीन गाड़ोदिया, विकाश सिंघानिया, सौरभ बथवाल, सिद्धांत तोदी, उज्ज्वल जैन, सुनील माथुर, सुदर्शन अग्रवाल, आशीष भाटिया, परमजीत टिंकू, राजा गोयनका, राजीव केडिया, अमरजीत गिरधर, रोहित पोद्दार, राजेश विजयवर्गीय, संतोष कुमार, आशुतोष अग्रवाल, संदीप पपनेजा, संजय गोयल, अमित शर्मा, सुनील अग्रवाल, अंशु मित्तल, राहुल जायसवाल, संजय अग्रवाल, संजू कुमार, संजय सिंह, जय किशोर चौधरी, नितेश लोहिया, भारत बगड़िया, नवीन बोड़ा, पंकज मिड्ढा, अमर प्रसाद, अरुण गोयनका, ज्योति पोद्दार, पंकज ख़िरवाल भी मौजूद थे।

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