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पलामू: शिक्षा के क्षेत्र में जिले के लिये गौरव का प्रतीक था विद्यालय, आज अस्तित्व का बोध करा रहा है

  • जनता उच्च विद्यालय में माध्यमिक के नौ सौ छात्र,शिक्षक एक भी नही।
  • 10+2 में 11 सौ छात्र,शिक्षक मात्र छः,कैसे हो पढ़ाई!
विश्रामपुर।  विश्रामपुर का जनता उच्च विद्यालय कभी क्षेत्र वासियो के लिये शान व गर्व का प्रतीक था। शैक्षणिक स्तर के लिये पलामू जिले में इस स्कूल का अपना एक अलग पहचान था। मैट्रिक बोर्ड परीक्षा परिणामों में यह विद्यालय जिला में बेहतर स्थान हासिल करता था। लेकिन ये सब बातें अब पुरानी हो चुकी है।अब यह विद्यालय कर्तव्यों के निर्वहन के बजाय सिर्फ अस्तित्व का बोध करा रहा है। राजकीयकृत जनता उच्च विद्यालय वर्तमान समय मे शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी का मार झेल रहा है।इस विद्यालय में कार्यरत शिक्षक धीरे-धीरे सेवानिवृत्त होते गये। नये शिक्षकों की पदस्थापना नही हुयी। हालात यह है कि माध्यमिक वर्ग नौंवी व दसवीं में एक भी शिक्षक नही है। 10+2 के शिक्षकों के भरोसे स्कूल की सारी शिक्षा व्यवस्था टिकी हुई है। जब कि 10+2 संकाय में भी सृजित पद के विरुद्ध आधे शिक्षक भी नही है। इस स्थिति में विद्यालय के पठन-पाठन कार्य मे दिनों-दिन गुणात्मक कमी होते जा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के लोग इस मामले में कोई संज्ञान भी नही ले रहे है।

माध्यमिक कक्षा में एक भी शिक्षक नही
जनता उच्च विद्यालय के माध्यमिक कक्षा नौवीं व दसवीं में एक भी शिक्षक नही है। इस स्कूल में नौवीं व दसवीं वर्ग में कुल नौ सौ बच्चें नामांकित है। लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिये एक भी शिक्षक मौजूद नही है। माध्यमिक वर्ग में प्रधानाध्यापक सहित 13 शिक्षकों का पद स्वीकृत है। इसके विरुद्ध एक भी शिक्षक पदस्थापित नही है।नौवीं व दसवीं वर्ग के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रहा है।
 
 इंटर में शिक्षकों के 11 पद सृजित, कार्यरत मात्र छः
10+2 जनता उच्च विद्यालय में शिक्षकों का 11 पद सृजित है। जबकि मात्र छः शिक्षक ही अभी पदस्थापित है। इंटर के तीनों संकाय में कुल 11 सौ छात्र-छात्रा है। इंटर में प्रयोगशाला सहायक का तीन पद सृजित है,लेकिन एक भी पदस्थापित नही है। आदेश पाल का भी एक पद रिक्त है।

 इंटर के शिक्षक पढ़ाते है माध्यमिक कक्षा के छात्रों को
माध्यमिक कक्षा नौवीं व दसवीं में नौ सौ छात्र-छात्रा है.इंटर में 11 सौ छात्र-छात्रा है।कुल मिलाकर इस स्कूल में दो हजार छात्र-छात्रा अध्यनरत है। इन दो हजार छात्र-छात्राओं के पठान-पठान का जिमा इंटर के छः शिक्षकों के भरोसे है। इस स्कूल में कई विषयो के शिक्षक नही है.इस लिये दूसरे विषयों के शिक्षक दूसरे विषय पढ़ाते रहते है।
 
स्कूल में लैब-कम्प्यूटर तो है, प्रशिक्षक नही
स्कूल में विज्ञान का लैब भी है। कम्प्यूटर प्रशिक्षण रूम भी है। जिसमे कम्प्यूटर भी है लेकिन कम्प्यूटर व लैब के बारे में बताने वाले प्रशिक्षक नही है। जिससे लैब व कम्प्यूटर सिर्फ अपने अस्तित्व का बोध करा रहा है।कर्तव्यों का निर्वहन नही कर रहा। स्कूल की चाहरदीवारी जीर्ण-शीर्ण अवस्था मे है.स्कूल के पीछे की चाहरदीवारी गिर चुकी है।
 
 1950 में हुई थी विद्यालय की स्थापना
जनता उच्च विद्यालय की स्थापना शिक्षाविद स्व•महाबीर प्रसाद पांडेय ने तीन जनवरी 1950 को किया था। इस विद्यालय को आंशिक स्वीकृति 15 नवंबर 1952 ई•में मिली। जबकि 11 जुलाई 1956 को विद्यालय को पूर्ण स्वीकृति मिली। विद्यालय की अपनी कुल छः एकड़ बीस डिसमिल जमीन है.यह जमीन विद्यालय को स्व• महाबीर प्रसाद पांडेय ने दान स्वरूप दी थी।
 
विद्यालय अपने स्थापना के उद्देश्यों से भटक गया है-संजय पांडेय
विद्यालय के संस्थापक स्व• महाबीर प्रसाद पांडेय के पुत्र समाजसेवी संजय पांडेय ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण विद्यालय अपने स्थापना के उद्देश्यों से भटक गया है।मेरे पिता ने स्कूल की स्थापना विश्रामपुर क्षेत्र में शिक्षा के अलख को जगाने के लिये किया था। लेकिन सरकार की नीतिया शिक्षा के इस ज्योति को लगता है जलाने के बजाय बुझाने में ज्यादा सफल हो रहा है।सरकार को जल्द ही इस स्थिति को बदलने के लिये कारगर कदम उठाना चाहिये।
 
क्या कहते है प्रभारी प्रचार्य
स्कूल के प्रभारी प्रचार्य अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सीमित संसाधनों में भी बेहतर करने का प्रयास लगातार जारी है। शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा के स्तर को बनाये रखना अपने-आप मे एक चुनौती है।बच्चों की संख्या के अपेक्षा शिक्षकों की संख्या काफी कम है।बावजूद यह प्रयास होता है कि पठान-पठान पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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