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बोकारो: मॉब लिंचिंग मामले में दस को आजीवन कारावास की सजा


रांची। झारखंड में बोकारो जिले (तेनुघाट) व्यवहार न्यायालय में मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या ) मामले में दस आरोपियों को दोषी कराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। जिले के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय- श्री गुलाम हैदर की अदालत ने यह फैसला सुनाया। इसके अलावा अदालत ने सभी अभियुक्तों को मृतक के आश्रित को 14-14 हजार रुपया मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

04 अप्रैल 2017 को बच्ची चोरी के आरोप में चंद्रपुरा थाने के नर्रा गांव में भीड़ द्वारा शमसुद्दीन अंसारी की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने के मामले में यह फैसला सुनाया गया। शमसुद्दीन घटना के दिन अपने रिश्तेदार से मिलने नर्रा गांव पहुंचा था। घटना के बाद उग्र भीड़ द्वारा पुलिस पर पथराव भी किया गया था। इस मामले में मृतक के परिजन नायमुल बीबी द्वारा मामला दर्ज कराया गया था।

अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए किशोर दसौंधी, सागर तुरी, सूरज कुमार वर्णवाल, मनोज तुरी, सोनू तुरी, छोटिया कोयरी, राम कुमार कोयरी, जितेंद्र ठाकुर, जितेंद्र राजक और चंदन दसौंधी को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनायी। कांड के एक अन्य आरोपी रति पंडित का अनुसंधान, पुलिस द्वारा जारी रहने के कारण, उक्त अभियुक्त के विरूद्ध सुनवाई पूरी नहीं की जा सकी। अभियुक्त रति पंडित के खिलाफ केस जारी रहेगा।

अदालत ने एसपी और डीआईजी तथा डीजीपी को सजा के फैसले की कॉपी भेजे जाने का भी आदेश दिया। फैसला सुनाये जाने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही। वहीं लोक अभियोजक संजय कुमार ने बताया कि राज्य में मॉब लिचिंग मामले में यह दूसरी सजा है। इससे पहले रामगढ़ जिले की एक अदालत ने गोमांस तस्करी के आरोप में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की हत्या कर दिये जाने में अभियुक्तों को सजा सुनायी थी।

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