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लिंग परीक्षण में फर्ज़ी डॉक्टर ने बताया लड़की, पैदा हुआ लड़का तो काट दिया लिंग

चतरा। इटखोरी थाना क्षेत्र स्थित जय प्रकाश नगर में लिंग परीक्षण के बाद बच्चे का लिंग काटने का मामला सामने आया है। इससे बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को संबंधित नर्सिंग होम को सील कर दिया। जबकि आरोपी झाेलाछाप डॉक्टर फरार है। पुलिस आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है। बताते चलें कि स्वास्थय विभाग द्वारा, इस नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश काफी पहले दे दिया गया था। पर इसे अवैध ढ़ग से चलाया जा रहा था। 

क्या है मामला
मझधार ब्लॉक की रहने वाली गुड़िया देवी प्रसव पीड़ा की वजह से मंगलवार को जय प्रकाश नगर स्थित ओम क्लिनिक नाम एक नर्सिंग होम में भर्ती हुई। उसे 8 माह का गर्भ था। यहां झाेलाछाप डॉक्टर अनुज कुमार ने उसकी जांच की और महिला के पति अनिल पंडा को कहा-17 हजार रुपए जमा करा दें। उन्होंने 10 हजार रुपए जमा करा दिया। अनिल पंडा ने बताया कि इसी बीच डॉ. अनुज ने उनकी पत्नी का अल्ट्रासाउंड किया और बताया कि उनके गर्भ में बच्ची पल रही है। कुछ देर बाद डॉक्टर उसे सिजेरियन के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले गए। यहां गुड़िया देवी का ऑपरेशन किया और लड़का पैदा हुआ। वो अस्वस्थय था।

अपनी बात सही साबित करने के लिए कर दी हत्या
परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने अपनी बात सच साबित करने के लिए बच्चे का लिंग और अंडकोष काट डाला और बताया कि विकलांग लड़की पैदा हुई, जिसकी मौत हो गई है। पर अनिल पंडा की मां कल्याणी देवी ने डॉक्टर की इस करतूत को देख लिया और हंगामा शुरू कर दिया। खुद को फंसता देख डॉक्टर ने पैसे के बल पर उनसे समझौता करने की कोशिश की पर परिजन नहीं माने और रात में पुलिस को इसकी सूचना दे दी। बुधवार को पुलिस नर्सिंग होम पहुंची तो डॉ. अनुज फरार हो चुका था। पुलिस ने फौरन नर्सिंग होम को सील कर दिया और बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी की जांच में जुट गई है।

पेपर जमा नहीं कराया फिर भी नर्सिंग होम संचालित हो रहा था
इटखोरी अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डाॅ डीएन ठाकुर ने शुक्रवार (13 अप्रैल) को इटखोरी में अवैध रूप से चल रहे कई क्लिनिक में छापामारी की थी। इस दौरान जय प्रकाश नगर मुहल्ला स्थित ओम नर्सिंग होम पहुंचे। यहां चिकित्सालय कक्ष, वार्ड, शल्य कक्ष एवं लैब का निरीक्षण किया। सभी स्थानों पर मेडिकल उपकरण थे। यहां इस नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर अनुज कुमार मौजूद थे। अनुज कुमार से इस नर्सिंग होम से संबंधित तीन दिन के अंदर कागजात की मांग की गई थी। जो विभाग को जमा नहीं कराया गया। फिर भी यह नर्सिंग होम संचालित हो रहा था।

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